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शहीद भगत सिंह कॉलेज ने कम अटेंडेंस वाले 600 से ज्यादा छात्रों को किया डिटेन

Shaheed Bhagat Singh College: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने 40 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर पहले और तीसरे सेमेस्टर के 600 से ज्यादा छात्रों को डिटेन कर दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 13, 2023, 10:14 PM IST

नई दिल्लीःदिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने पहले और तीसरे सेमेस्टर के 600 से ज्यादा छात्रों को डिटेन कर दिया है. कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार अत्री ने बताया कि 40 फीसद से कम उपस्थिति वाले छात्रों को ग्रेडड डिटेन किया गया है.

प्रोफेसर ने बताया कि पांचवें सेमेस्टर के छात्रों को 6वें सेमेस्टर में 90 प्रतिशत उपस्थित पूरी करने की अंडरटेकिंग लेकर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई है. अगर ये छात्र छठे सेमेस्टर में इस शर्त को पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाएगा.

प्रोफेसर अत्री ने बताया कि इस तरह से अब पहले एडमिट कार्ड से रोके गए करीब 1497 बच्चों में से सिर्फ 600 से अधिक बच्चे ही डिटेन करने की श्रेणी में आए हैं. पांचवें सेमेस्टर के बच्चों को इसलिए छूट दी गई कि उनको डिटेन करने से उनका एक साल बर्बाद होता. क्योंकि ये बच्चे लर्निंग आउटकम बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क (एलओसीएफ) कोर्स के छात्र हैं.

प्रोफ़ेसर अत्री ने यह भी कहा कि छात्रों को वैध रूप से लिखित में अंडरटेकिंग लेकर स्वयं आना होगा और अपने संबंधित कोर्स के काउंटर पर जाकर उसे जमा करना होगा. अन्य किसी माध्यम से अंडरटेकिंग को नहीं लिया जाएगा. डिटेल किए गए छात्रों का विवरण कॉलेज की वेबसाइट पर उनकी मौजूदा उपस्थिति के रिकॉर्ड के साथ और डिटेंशन के श्रेणी के अनुसार अपलोड कर दिया जाएगा.

वहीं, नए नियम के तहत डिटेल किए गए पहले और तीसरे सेमेस्टर के छात्र शुभम और दिव्येश शर्मा ने कहा कि पहले और तीसरे सेमेस्टर के छात्रों को भी पांचवा सेमेस्टर के छात्रों की तरह ही अंडरटेकिंग लेकर मौका दिया जाना चाहिए था. कॉलेज द्वारा इस तरह की कार्रवाई करने से छात्रों में मायूसी है.

गौरतलब है कि इससे पहले शहीद भगत सिंह कॉलेज ने आठ और 11 दिसंबर को नोटिस जारी करके करीब 1500 बच्चों को 20 दिसंबर से शुरू हो रही सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से रोक दिया था. इससे बच्चे बहुत परेशान थे और बार-बार उनको परीक्षा में बैठने की अनुमति देने को लेकर प्राचार्य और क्लास टीचरों से गुहार लगा रहे थे, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी. जबकि कुछ छात्रों को डिटेन करने के लिए नया नोटिस जारी किया.

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