नई दिल्ली : 18 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था. शबीर पर 2007 टेरर फंडिंग से जुड़े केस में मनी लाउंड्रिंग का आरोप है. जमानत याचिका में शबीर ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है. याचिका में कहा गया है कि असलमवानी के साथ संबंध के कोई सबूत नहीं है. पिछले 18 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने असलम वानी को तीन लाख रुपए और दो निजी मुचलकों पर जमानत दी थी.
अलगाववादी नेता शबीर शाह की जमानत अर्जी पर टली सुनवाई - जमानत अर्जी पर टली सुनवाई
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कश्मीर के अलगाववादी नेता शबीर शाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.
शबीर शाह और असलम वानी पर आरोप
आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को शबीर शाह और उसके करीबी असलम वानी के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. 23 सितंबर 2017को ईडी ने कोर्ट में शबीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि शबीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है. जनवरी 2018 में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी । वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है.
10 साल से ज्यादा पुराना मामला
शब्बीर शाह को 26 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था. यह मामला दस साल से ज्यादा पुराना है. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले वानी को 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था. वानी के पास से 63 लाख रुपये और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे. इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपये शबीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपये जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे. वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपये शबीर शाह को पहुंचाए थे. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शबीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया.