नई दिल्ली: कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से केएम नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार की समाज में गहरी पैठ है, लेकिन इससे बड़ी गहरी साजिश इस केस में नजर आती है.
ED की ओर से केएम नटराज ने ये भी कहा कि इस साजिश का खुलासा होना जरूरी है. जमानत देने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इनकम टैक्स जांच के दौरान कुछ गवाहों ने बयान दिये, लेकिन सात-आठ महीने बाद वो पलट गए. जाहिर है, उनको आरोपी की ओर से प्रभावित किया गया.
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं. डीके शिवकुमार को बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है. सिंघवी ने कहा कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं. सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है. ईडी रेड कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है. मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.
सिंघवी ने कहा कि अभी सिर्फ जमानत अर्जी पर जिरह हो रही है, इस स्टेज पर केस की मेरिट पर जाने की ज़रूरत नहीं है. पिछले 22 दिनों से हर रोज 9 घन्टे पूछताछ हो रही है. अगर पूछताछ में इनके कहे मुताबिक गुनाह नहीं कबूला जा रहा तो ये आरोप लगा रहे हैं कि सवालों से से बच रहा हूं. सिंघवी ने कहा कि सिर्फ 41 लाख की रकम बरामद की गई है फिर ये 143 करोड़ की रकम कहां से आ गई. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार के सिर्फ 20 खाते हैं. अगर एक भी इनके अलावा 21वां खाता एजेंसी दिखा दे तो मैं अपनी दलीलें बन्द कर दूंगा.
मुकुल रोहतगी ने कहा
सिंघवी के बाद डी के शिवकुमार की ओर से मुकल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल की समाज में अपनी एक प्रतिष्ठा है. वो सात बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार की ओर से रोहतगी ने ये भी कहा कि अभी जेलो में जो भीड़ है, वो कोर्ट के सामने एजेंसियों के इसी रवैये के चलते है. उनको कभी लगता है कि चिंदबरम कानून से भाग जायेंगे, कभी शिवकुमार भाग जायेंगे. डीके शिवकुमार की ओर से दायन कृष्णन ने कहा कि खुद कानून इस बात को मानता है कि बेल नियम है, जेल अपवाद है. कोर्ट को ये ध्यान रखना चाहिए.
पिछले 19 सितंबर को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एएसजी केएम नटराज ने कहा था कि उन्होंने ये संपत्ति कैसे हासिल की. मनी लाउंड्रिंग एक्ट स्वतंत्र कानून है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने इनकम टैक्स अदा दिया है कि नहीं. वो मनी लाउंड्रिंग की अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते हैं.