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टेरर फंडिंग मामला: अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA की हिरासत में भेजा गया

एनआईए ने यासीन मलिक की 15 दिनों की हिरासत की मांग की थी. यासीन मलिक को कोर्ट में पेश करने के बाद मामले की इन-कैमरा सुनवाई हुई यानी सुनवाई के समय कोई तीसरा पक्ष कोर्ट में मौजूद नहीं था.

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Published : Apr 10, 2019, 9:03 PM IST

अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA की हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली: राजधानी की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार अलगाववादी नेता और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को 22 अप्रैल तक की एनआईए हिरासत में भेज दिया है. एनआईए ने यासिन मलिक को गिरफ्तार करने के स्पेशल जज राकेश स्याल की कोर्ट में पेश किया था.

एनआईए ने यासीन मलिक की 15 दिनों की हिरासत की मांग की थी. यासीन मलिक को कोर्ट में पेश करने के बाद मामले की इन-कैमरा सुनवाई हुई यानि सुनवाई के समय कोई तीसरा पक्ष कोर्ट में मौजूद नहीं था.

यासीन मलिक की हिरासत की मांग की थी
यासीन मलिक को प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था. एनआईए ने जम्मू के स्पेशल कोर्ट से यासीन मलिक की हिरासत की मांग की थी. एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वो इसकी जांच करना चाहती है कि आतंकी गतिविधियों को फंडिंग करनेवाले लोगों की कड़ी जानना चाहती है. एनआईए ने कहा कि वो सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करने और स्कूलों को जलाने से लेकर सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वालों की आर्थिक मदद करने वालों तक पहुंचना चाहती है.

अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA की हिरासत में भेजा गया

यासीन मलिक पर ये हैं आरोप
आपको बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में शामिल होने का आरोप है. यासीन मलिक के खिलाफ 1990 के दशक में भारतीय वायुसेना के 4 जवानों की हत्या करने का भी आरोप है. यासीन मलिक के संगठन जेकेएलएफ को पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था.

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