नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बिल को लेकर यूं तो चारों तरफ से लोगों के रिएक्शन आ रहें हैं वहीं दिल्ली के मुस्लिम समुदाय ने भी इस बिल को लेकर अपने विचार जाहिर किए है.
बता दें कि ये बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया गया. इस विधेयक पर अब तक देशभर में चर्चाएं और बहस जारी है.
नागरिकता संशोधन बिल का विरोध मुस्लिम लोगों ने कहा बिल हो वापस
ईटीवी भारत ने कुछ बुद्धिजीवी मुस्लिम लोगों से बात की तो उन्होंने इस बिल को वापिस लेने की इच्छा जताई और कहा कि ये बिल पूरी तरह से मजहब की बुनियाद को बांटने वाला है. इस असंवैधानिक बिल को हम पूरी तरह से नकारते हैं.
धर्मनिरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है बल्कि देश की धर्म निरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला है. संविधान के आर्टिकल 14 और छठे शेड्यूल का भी सीधे तौर पर उल्लंघन हुआ है.
मुस्लिम विरोधी विधेयक
ये बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी और भारतीय संविधान के खिलाफ है. इस बिल को हम पूरी तरह से रिजेक्ट करते हैं.
मूलभूत जरूरतों से भटकाने के लिए संविधान विरोधी बिल
देश आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहा है हम मानते हैं कि मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटकाने के लिए संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल संसद में लाया जा रहा है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है.