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G-20 summit: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी आपातकालीन स्थिति के लिए बेड आरक्षित करने की तैयारी - जीटीबी और इहबास अस्पताल

जी-20 सम्मेलन को लेकर हर संभव तैयारियां की जा रही है. दिल्ली की राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों इसे हर तरह से सफल बनाने में जुटी है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी सम्मेलन को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. अस्पतालों में किसी भी तरह के किसी आपातकालीन परिस्थिति के मद्देनजर यह तैयारी की गई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 22, 2023, 6:15 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अगले महीने होने वाले जी-20 सम्मेलन को लेकर हर स्तर पर तैयारियां दुरुस्त की जा रही हैं. सड़कों को बनाने से लेकर दीवारों की रंगाई पुताई के साथ ही सभी संस्थानों में भी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं. किसी भी आपातकालीन स्तिथि को लेकर दिल्ली के अस्पतालों में भी तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में अस्पतालों में कई तैयारियां की गई हैं, जिनमें बेड आरक्षित रखना, डिजास्टर वार्ड, खतरे से निपटने की तैयारी शामिल है.

चार अस्पताल में होंगे बेड आरक्षित: जी-20 की बैठक को देखते हुए लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी और इहबास अस्पताल में बेड आरक्षित रखने के लिए कहा गया है. साथ ही सभी दवाइयों का भी स्टॉक पूरा रखने के निर्देश दिए गए हैं. जीबी पंत अस्पताल में 30 बेड, लोकनायक में 30 बेड और जीटीबी में 30 बेड और इहबास अस्पताल में 10 बेड आरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है.

जीबी पंत में 20 सामान्य बेड और 10 आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं. इसके अलावा यहां के पांच डॉक्टर और पांच नर्स की ड्यूटी भी जी-20 सम्मेलन के दौरान लगाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा इहबास अस्पताल में टूटी हुई सड़कें, रैंप, पार्किंग की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है. लोकनायक अस्पताल में हर गेट पर बूम बैरियर लगाए गए हैं. किसी भी वाहन के अस्पताल में प्रवेश करने से पहले वाहन चालक का आईडी कार्ड चेक किया जाता है.

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अस्पताल रहेंगे आपात स्थिति के लिए तैयार:लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां लगभग पूरी रहती हैं. दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल होने के चलते हमारे अस्पताल पर ज्यादा जिम्मेदारी रहती है. कोरोना काल से लेकर 15 अगस्त हो या 26 जनवरी अस्पताल में स्थायी तौर पर 40 बेड के एक डिजास्टर वार्ड की व्यवस्था है, जो किसी भी आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है. राजधानी के चार बड़े अस्पताल एम्स, आरएमएल, सफदरजंग और आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल को रासायनिक, जैविक, परमाणु और रेडिएशन के खतरे से निपटने की तैयारी के लिए अलर्ट किया गया है.

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