नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में बीकॉम ऑनर्स की परीक्षाएं 26 दिसंबर से शुरू हो रही है, इस बीच चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षाएं भी है. इनमें से बीकॉम ऑनर्स और सीए की दो परीक्षाओं की तिथि आपस में मेल खा रही हैं. इससे छात्र परेशान हैं, उनके सामने कोई एक विकल्प चुनने का संकट खड़ा हो गया है. इसे लेकर डीयू के परीक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि हर वक्त प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं. हर छात्र के हिसाब से शेड्यूल बनाना मुश्किल है. राहत देने की कोशिश की जाएगी.
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा कार्यक्रम जारी करने से पहले सीए की परीक्षा की तिथियों पर भी गौर करना चाहिए था. अगर विश्वविद्यालय ने अभी भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो हमारा बड़ा नुकसान होगा. छात्रों की समस्या को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की कार्यकारी परिषद के सदस्य सचिन सिंह खोखर और अन्य छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर इस समस्या का समाधान करने की मांग की है. उन्होंने कुलपति से बीकॉम ऑनर्स की परीक्षा की तिथियां बदलने का अनुरोध किया है.
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हंसराज कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की छात्रा प्राची ने बताया कि वह काफी समय से सीए की तैयारी कर रही हैं. उनकी सीए की परीक्षा का सेंटर गुरुग्राम में पड़ा है. ऐसे में वह एक दिन में दोनों परीक्षा नहीं दे सकती. उनको दोनों में से एक परीक्षा छोड़नी होगी. उन्होंने बताया कि पहले डीयू ने जो परीक्षा कार्यक्रम जारी किया था उसके अनुसार बीकॉम ऑनर्स की सारी परीक्षाएं दिसंबर में ही खत्म हो रही थीं. लेकिन, दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण की वजह से डीयू ने सात दिन का शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया था. इसके बाद पहले डेट शीट रद्द हो गई अब नई जो डेट शीट जारी की गई है उसमें बीकॉम ऑनर्स और सीए की परीक्षाओं की तिथि आपस में टकरा रही है.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की संयुक्त सचिव अपराजिता कुशवाहा ने बताया कि हमने छात्र संघ की तरफ से भी परीक्षा शाखा को पत्र लिखकर बीकॉम ऑनर्स परीक्षा की तिथियां बदलने का निवेदन किया है, जिससे सैकड़ों छात्रों का अहित न हो. वहीं परीक्षा शाखा का कहना है कि विश्वविद्यालय के अकादमिक कैलेंडर के अनुसार ही परीक्षा कार्यक्रम तैयार किया जाता है और दूसरी परीक्षाओं की तिथियों का भी ध्यान रखा जाता है. लेकिन, प्रदूषण की वजह से शीतकालीन अवकाश पहले होने से तिथियों को बदलने के लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है क्योंकि हमें परीक्षाएं विश्वविद्यालय के कैलेंडर के अनुसार ही करानी हैं. इसलिए छात्र अपनी वरीयता के अनुसार निर्णय ले सकते हैं.