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DELHI NCR POLLUTION: प्रदूषण से राहत नहीं, 'खराब श्रेणी' में पहुंची दिल्ली की हवा - नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

दिल्ली एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट होने के बाद एक बार फिर सोमवार को बढ़ोतरी हो गई है. वहीं, दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 339 के स्तर पर पहुंच गया, जिसका एक्यूआई खराब कैटेगरी में ही बरकरार है.

DELHI NCR POLLUTION
DELHI NCR POLLUTION

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Published : Jan 30, 2023, 10:54 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (DELHI NCR POLLUTION) का कहर बरकरार है. रविवार को हुई बारिश के बाद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में गिरावट आई थी लेकिन सोमवार को एक बार फिर प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का प्रदूषण खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया है. गाजियाबाद और नोएडा में भी प्रदूषण के हालात कुछ खास बेहतर नहीं हुए हैं. यहां भी AQI 200 के पार है.

दिल्ली के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर 211
शादीपुर 279
डीटीयू दिल्ली 163
आईटीओ दिल्ली 330
सिरी फोर्ट 252
मंदिर मार्ग 305
आरके पुरम 262
पंजाबी बाग 334
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 269
नेहरू नगर 333
द्वारका सेक्टर 310
पटपड़गंज 335
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 285
अशोक विहार
सोनिया विहार 307
जहांगीरपुरी 289
रोहिणी 308
विवेक विहार 314
नजफगढ़ 279
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 339
नरेला 285
ओखला फेस टू 257
मुंडका 292
बवाना 276
श्री औरबिंदो मार्ग 250
आनंद विहार 320
IHBAS दिलशाद गार्डन 149

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 210
इंदिरापुरम 132
संजय नगर 129
लोनी 199

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

नोएडा के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62 209
सेक्टर 125 219
सेक्टर 1 245
सेक्टर 116 222

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

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Sinusitis और Bronchitis का खतरा:डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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