नई दिल्ली:राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयारियां कर ली गई हैं. इस बारे में लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारियां की गई हैं. उन्होंने बताया कि हमने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए दो वार्ड में 450 बेड आरक्षित किया है. इनमें से 50 आईसीयू बेड हैं. साथ ही कुछ सेमी आईसीयू बेड भी हैं और सभी पर ऑक्सीजन की सेंट्रल पाइप लाइन द्वारा आपूर्ति की जाती है.
उन्होंने बताया कि कोरोना की तैयारियों को लेकर मंगलवार को हमने अस्पताल में मॉक ड्रिल भी किया. इस दौरान हमने यह देखा कि हम इमरजेंसी में आने वाले मरीज को कितनी जल्दी अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं. इसलिए सारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज को अस्पताल में भर्ती करने का अभ्यास किया गया. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आईसीएमआर और मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की जो भी गाइडलाइन है, उनको हमने सभी विभागों में सर्कुलेट किया हुआ है. इमरजेंसी में आने वाले मरीज की स्थिति के अनुसार अगर मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत होती है तो आईसीयू में और जनरल वार्ड में भर्ती करने की जरूरत होती तो जनरल वार्ड में भर्ती किया जाता है. फिर आवश्यकता अनुसार मरीज के ब्लड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि जांच की जाती है. अधिकतर मरीज अस्पताल से ठीक होकर जा रहे हैं. केवल उन्हीं मरीजों को वेंटिलेटर पर भर्ती करने की जरूरत पड़ती है, जिन्हें पहले से जैसे टीबी या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है.
उन्होंने आगे बताया कि, अभी हमारे पास कोरोना के 11 ही मरीज भर्ती हैं, इसलिए ज्यादा स्टाफ को इनके इलाज में लगाने की आवश्यकता नहीं पढ़ रही है. हां दिल्ली में संक्रमण का रेट जरूर ज्यादा है, लेकिन अभी बहुत ही कम मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार और स्टाफ को ड्यूटी में लगाया जाएगा. वहीं अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को लेकर उन्होंने बताया कि, अस्पताल में पांच ऑक्सीजन प्लांट हैं. इस समय पांचों प्लांट चल रहे हैं. अस्पताल की क्षमता प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की है, जबकि पहले ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता पांच मीट्रिक टन थी. इसके अलावा हमारे पास दो लिक्विड ऑक्सीजन के स्टोरेज टैंक भी है और हमारी ऑक्सीजन सप्लाई चेन भी सुदृढ़ है. हमने ऑक्सीजन सिलिंडर भी तैयार रखे हैं और अगर जरूरत पड़ेगी तो हम उनका भी इस्तेमाल करेंगे.