नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक अस्पताल में बन रहे 22 मंजिला एडवांस पीडियाट्रिक ब्लॉक का निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूरा नहीं हो पाएगा. इसके पूरा होने की समय सीमा आगामी तीन मई को खत्म हो रही है, जबकि अभी प्रस्तावित 25 मंजिला इमारत में सिर्फ 15 मंजिल ही खड़ी हो पाई है. इमारत का निर्माण कार्य अधूरा है, जिसे पूरा करने काफी वक्त लगेगा.
निर्माणाधीन इमारत में तीन फ्लोर बेसमेंट में और 22 फ्लोर ऊपर बनाने हैं. मौजूदा समय में नीचे के तीन फ्लोर का भी काम अभी आधा ही हुआ है, जबकि ऊपर के सिर्फ 12 फ्लोर का ही काम अभी हुआ है. इससे इतना तो तय है कि यह इमारत अब 33 दिन में तो किसी भी स्थिति में तैयार नहीं हो पाएगी. तीन मई को पूरी होने वाली समयावधि के अनुसार 33 दिन का समय ही बचा है. ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा इसकी समयावधि को फिर से बढ़ाना पड़ेगा.
इस इमारत का शिलान्यास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 24 अक्टूबर 2011 को किया था. इसके बाद चार नवंबर 2011 से निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी ने काम शुरू किया था. उस समय इस इमारत को पूरा करने के लिए ढाई वर्ष (30 महीने) का समय निर्धारित किया गया था, जो मई महीने की तीन तारीख को पूरा हो जाएगा. हालांकि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद आई कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में निर्माण कार्य कई महीने तक बंद भी रहा था. समय से कार्य पूरा न हो पाने का एक यही मुख्य कारण है.
लोकनायक अस्पताल में बढ़ेंगी ये सुविधाएंःइस इमारत के बनने से 1500 नए बेड पर चिकित्सा सेवाएं शुरू की जाएंगी. इसके अलावा इसमें 300 आईसीयू बेड भी होंगे. इस ब्लॉक को एडवांस पीडियाट्रिक एंड मेटरनिटी ब्लॉक नाम दिया गया है. यह इमारत पूरी तरह से वातानुकूलित होगी. साथ ही देश में किसी भी अस्पताल की पहली 25 मंजिला इमारत होगी. इसके बनने के बाद अस्पताल की कुल क्षमता 3800 बेड की हो जाएगी. इसमें दो तल पर आइसीयू, दो तल पर रिसर्च लैब और बाकी तल पर चिकित्सा वार्ड होंगे.
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3000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में देखे जाते हैंः मौजूदा समय में लोकनायक अस्पताल की कुल क्षमता 2010 बेड की है. यह नई बनने वाली इमारत लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल के बीच में बनी पुरानी ब्रिटिश कालीन इमारत को ध्वस्त करके बनाई जा रही है. ब्रिटिश कालीन इमारत के 60 साल से ज्यादा पुरानी हो जाने के कारण उसे ध्वस्त किया गया था. एक लाख वर्ग मीटर जमीन पर बनने वाली यह इमारत दिल्ली सरकार के बड़े प्रोजेक्ट में से एक है. उल्लेखनीय है कि कोरोना काल से पहले के सामान्य दिनों में अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन नौ हजार मरीजों को देखा जाता था और 200 से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन प्रतिदिन होते थे. मौजूदा समय में भी अभी अस्पताल की ओपीडी में तीन हजार मरीजों को देख जाता है. इस बात से चिकित्सा सेवाओं में लोकनायक अस्पताल के योगदान का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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