नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष में प्रदोष व्रत 24 बार आता है, जिसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम व्रत माना जाता है. इस बार बुधवार 21 दिसंबर को प्रदोष व्रत पड़ रहा (Budh Pradosh Vrat 2022) है. बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते हैं, जिसे करने से भक्त को आर्थिक उन्नति का फल मिलता है. इस व्रत की एक और खास बात यह है कि ये इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत है. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत से अच्छा कोई दूसरा व्रत नहीं है. साथ ही प्रदोष व्रत को करने से व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु की भी प्राप्ति होती है.
ऐसे करें पूजन: बुध प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति को कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है और उसकी आर्थिक उन्नति होती है. इसलिए बुध प्रदोष व्रत में सायंकाल स्नान कर पूरी श्रद्धा से भगवान शिव का स्मरण करें और प्रदोष काल में भगवान शिव का षोडशोपचार विधि से पूजन करें. इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा का वाचन कर के भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरण के बाद स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.