नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड मामले में गिरफ्तार बिचौलिए सुशेन मोहन गुप्ता की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दी है. 15 अप्रैल को कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि 2016 में सुशेन ने इस बात से इनकार किया था कि वो मॉरिशेस इंटरस्टेलार टेक्नॉलीज को जानता है, लेकिन बाद में ये पता चला कि सुशेन उस कंपनी को फंड ट्रांसफर करने का निर्देश देता है.
तब सुशेन के वकील ने कहा था कि सुशेन को जब भी जांच के लिए बुलाया गया है उसने जांच में सहयोग किया है, इस पर ईडी की ओर से कहा गया कि जब इस मामले में राजीव सक्सेना सरकारी गवाह बनना चाहता था तो सुशेन उसे ऐसा करने से रोकने के लिए दुबई गया था. उसने सभी गवाहों को फोन कर कोई बात नहीं बताने को कहा था. उसने साक्ष्यों को नष्ट करने की पूरी कोशिश की थी लेकिन वो ऐसा नहीं कर सका.
ईडी ने किया था जमानत का विरोध
पिछले 9 अप्रैल को ईडी ने जमानत याचिका पर अपना जवाब पेश किया था. ईडी ने सुशेन की जमानत याचिका का विरोध किया था. पिछले 8 अप्रैल को कोर्ट ने सुशेन को 20 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पिछले 6 अप्रैल को सुशेन मोहन गुप्ता ने जमानत याचिका दायर की थी, पिछले 3 अप्रैल को कोर्ट ने सुशेन मोहन गुप्ता को 6 अप्रैल तक की ईडी हिरासत में भेजा था.