नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली के पब्लिक स्कूलों के लिए स्वीकृत की गई आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की कुल सीटों में से 6,719 सीटें खाली रह गई. यह जानकारी शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी द्वारा दी गई.
नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा मंत्री से यह भी पूछा कि वर्ष 2023-24 के लिए दिल्ली के पब्लिक स्कूलों के लिए ईडब्ल्यूएस की कितनी सीटें आवंटित की गईं थीं. इस पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के रिकॉर्ड के अनुसार, स्कूलों को ईडब्ल्यूएस की कुल 35,186 सीटें आवंटित की गई थीं. इनमें से 28,467 सीटों पर बच्चों को दाखिला मिला.
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को यह भी बताया कि आवेदन आने के बाद कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ ऑफ लॉट्स कराया जाता है. इसमें कोई मैनुअल हस्तक्षेप नहीं होता है. सभी आवेदक अपने आसपास के स्कूलों को देखकर, जिनके बारे में भी यह धारणा है कि ये अच्छे स्कूल हैं आवेदन करते हैं. ऐसे में कुछ स्कूलों में सीटों की संख्या से ज्यादा आवेदन आ जाते हैं, जबकि कुछ में आवेदन की संख्या कम रह जाती है.
शिक्षा मंत्री आतिशी ने यह भी बताया कि 6,719 सीटों में से 3,040 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) वर्ग, यानि कि दिव्यांग वर्ग की सीटों पर आवेदन न आने की वजह से खाली रह गईं. साथ ही कई बार ड्रॉ होने के बाद भी बच्चे स्कूलों में दाखिला लेने नहीं जाते हैं. इसके साथ ही कुछ स्कूल बच्चों के दस्तावेज पूरे नहीं होने की वजह से भी दाखिला रद्द कर देते हैं. इस वजह से भी सीटें खाली रह जाती हैं. बाकी सीटों के लिए रिअलॉटमेंट के ड्रॉ की प्रक्रिया जारी है.