नई दिल्ली: साल 2020 की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया ओपन से हुई थी वो भी तब जब ऑस्ट्रेलिया के जंगल में आग का कहर बरपा रहा था और साल का अंत एटीपी फाइनल्स के साथ हुआ. ऑस्ट्रेलिया ओपन जहां दर्शकों के बीच खेला गया था वहीं एटीपी फाइनल्स खाली स्टेडियम में खेला गया, हालांकि डब्ल्यूटीए फाइनल्स का आयोजन नहीं हो सका.
यह उन टूर्नार्मेंट्स में शामिल रहा जो कोविड-19 के कारण इस साल नहीं हो सके.
महामारी के बीच अमेरिका ओपन के पुरुष एकल में डॉमिनिक थीम के रूप में नया विजेता मिला. महिला एकल वर्ग में ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब सोफिया केनिन ने जीता और फ्रेंच ओपन का खिताब इगा स्वितेक ने जीता. यह सभी पहली बार ग्रैंड स्लैम जीतने वाले खिलाड़ी बने.
भारत के नजरिए से इस साल का अमेरिका ओपन ऐतिहासिक रहा. सुमीत नागल ने पहले दौर में जीत हासिल की. वह सात साल में पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के मुख्य दौर के एकल वर्ग में मैच जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने.
23 साल के नागल ने पहले दौर के मैच में अमेरिका के ब्रैडले क्लाहन को चार सेट के मैच में मात दी लेकिन दूसरे दौर के मैच में थीम ने उन्हें हरा दिया था. थीम उस समय विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी थे जबकि नागल 124वें नंबर के.
नागल के अलावा प्रजनेश गुणनस्वेरन ने ग्रैंड स्लैम के मुख्य दौर में प्रवेश किया. वह हालांकि ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर में ही हार गए थे. कुछ खिलाड़ियों के नाम वापस लेने के कारण उन्हें पहला दौर खेलने का मौका मिला था जहां जापान के तातुसुमा इटो ने उन्हें सीधे सेटों में मात दी थी.
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रामकुमार रामनाथन ने इस सीजन का अंत शानदार तरीके से किया. जर्मनी में एक्टेंल चैलेंजर में वह उपविजेता रहे. वह अपने पहला खिताब जीतने का मौका गंवा बैठे.
बच्चे के जन्म के बाद भारतीय महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने होबार्ट ओपन-2020 से कोर्ट में वापसी की. उन्होंने नादिया किचेनोक के साथ महिला युगल में हिस्सा लिया. इस जोड़ी ने अंत में खिताब जीता, लेकिन ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले ही दौर में उन्हें बाहर जाना पड़ा क्योंकि सानिया को मैच के दौरान ही पिंडली में चोट लग गई थी.
इसके बाद सानिया ने भारतीय टीम को फेड कप में शानदार सफलता दिलाते हुए प्लेऑफ में जगह दिलाई. उन्होंने अंकिता रैना के साथ जोड़ी बनाते हुए इंडोनेशिया की जोड़ी को मात दे टीम को प्लेऑफ में जगह दिलाई. फेड कप का नाम बदलकर बिली जीन किंग कप कर दिया गया है.
भारत ने इस टूर्नामेंट में पांच मुकाबलों में नौ मैच जीते और वह अपने ग्रुप में चीन से पीछे रही. प्लेऑफ अप्रैल में खेले जाने थे लेकिन कोविड-19 के कारण उन्हें फरवरी-2021 तक स्थगित करने का फैसला किया गया. भारत का सामना लातविया से होगा और उसकी कोशिश 2022 क्वालीफायर्स में जगह बनाने की होगी.
भारत के महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने पिछले साल के अंत में कहा था कि वह 2020 में अपने करियर को अलविदा कह देंगे. महामारी के कारण लगे लंबे ब्रेक के चलते उन्होंने शायद अपना मन बदल लिया है और अब उन्होंने कहा है कि उनकी नजरें रिकॉर्ड आठवीं बार ओलम्पिक खेलने पर हैं जो अगले साल टोक्यो में होने हैं. वह साथ ही ग्रैंड स्लैम में 100वां मैच खेलने को तैयार हैं. अभी तक उनके नाम 96 ग्रैंड स्लैम मैच हैं.
वहीं दूसरी तरफ विश्व के नंबर-1 नोवाक जोकोविच और नंबर-2 राफेल नडाल ने रोजर फेडरर द्वारा स्थापित किए गए रिकॉर्ड को तोड़ना जारी रखा. फेडरर ने इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा लिया था जिसमें वे सेमीफाइनल तक पहुंचे थे. बाकी के साल वह कोर्ट से दूर ही रहे.
नडाल ने फ्रेंच ओपन में अपना दबदबा कायम रखा. उन्होंने 13वीं बार यह खिताब जीता और अपने कुल ग्रैंड स्लैम जीतने की संख्या 20 यानी फेडरर के बराबर की.
वहीं जोकोविच फेडरर के बाद दूसरे ऐसे पुरुष टेनिस खिलाड़ी बने जिसने 300 सप्ताह नंबर-1 स्थान पर बिताए हों. फेडरर 310 सप्ताह नंबर एक स्थान पर रहे हैं. अगर सर्बिया के जोकोविच यह स्थान कायम रखते हैं तो स्विट्जरलैंड के दिग्गज खिलाड़ी को पीछे कर सकते हैं.
जोकोविच हालांकि इस साल कई गलत कारणों से भी खबरों में रहे जिसकी शुरुआत एड्रिया टूर से हुई. यह प्रदर्शन टूर्नामेंट्स की एक सीरीज थी जो बोल्कांस के पांच शहरों में आयोजित कराई गई थी. कोविड-19 के नियमों का पालन न करने के कारण यह टूर्नामेंट आलोचकों के निशाने पर रहा. सोशल डिस्टेसिंग का पालन न करने के चलेत कई लोगों ने इसकी आलोचना की. बीच में ही क्रोएशिया में यह टूर्नार्मेंट रद्द कर दिया गया क्योंकि जोकोविच सहित कई खिलाड़ी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए.
जोकोविच ने सिनसिनाटी मास्टर्स का खिताब जीत 35 मास्टर्स 1000 खिताब अपने नाम कर नडाल के रिकॉर्ड की बराबरी की. वह अमेरिका ओपन के चौथे दौर में डिस्क्वालीफाई कर दिए गए क्योंकि गलती से लाइन जज को गेंद मार दी थी. वह अमेरिका ओपन जीतने के प्रबल दावेदार थे. नडाल और फेडरर इस टूर्नामेंट में खेल नहीं रहे थे, ऐसे में जोकोविच के जाने के बाद यह तय था कि अमेरिका ओपन को इस साल नया विजेता मिलने वाला है.
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अमेरिका की सोफिया ने ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब अपने नाम किया जो उनके करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब था. फाइनल में उन्होंने विश्व की नंबर-1 एश्ले बार्टी को हराया था. उस समय वे 21 साल की थी और वह सेरेना विलियम्स के बाद सबसे कम उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वाली अमेरिकी महिला थीं.
सोफिया ने फिर लियोन ओपन का खिताब जीता. यह महिला टूर में कोविड के कारण लगे ब्रेक के बाद आखिरी टूर्नामेंट था. वह फिर अमेरिका ओपन के चौथे दौर में पहुंची और फ्रेंच ओपन के फाइनल में भी पहुंची.
सोफिया हालांकि इगा से पार नहीं पा सकीं. इगा पोलैंड की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली खिलाड़ी थीं. इगा 19 साल की थीं और विश्व रैंकिंग में 54वें स्थान पर थीं. इसी के साथ वह सबसे कम रैंकिंग पर रहते हुए टूर्नामेंट जीतने वाली खिलाड़ी बनी.
वह नडाल (2005) के बाद फ्रेंच ओपन जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी भी बनीं. साथ ही 1992 में मोनिकल सेलेस के बाद सबसे युवा महिला एकल खिताब जीतने वाली खिलाड़ी भी बनीं.
अमेरिका ओपन का खिताब जापान की नाओमी ओसाका के नाम रहा. यह ओसाका का दूसरा अमेरिकी ओपन खिताब था. इस दौरान ओसाका ने ब्लैक लाइव्स मैटर के मुद्दे का खूब समर्थन किया और हर मैच में अलग-अलग मास्क पहन कर इस आंदोलन में अपनी सहभागिता दी.