बर्मिंघम:इंडियन वेटलिफ्टर संकेत महादेव सरगर ने शनिवार को बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का परचम लहराया. उन्होंने पुरुष के 55 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता. महाराष्ट्र के सांगली जिले के 22 साल के सरगर ने कुल 248 किग्रा भार उठाया, लेकिन मलेशिया के मोहम्मद अनीक बिन कसदन ने उन्हें पीछे छोड़ दिया, जो अपने तीसरे और अंतिम प्रयास में क्लीन एंड जर्क में कुल 249 किलो ग्राम तक ले गए. वहीं, श्रीलंका केडी योदागे ने 225 किलो भार के साथ कांस्य पदक जीता.
यह भारत के लिए आसानी से एक स्वर्ण पदक हो सकता था, क्योंकि किसान परिवार से आने वाले सरगर ने शानदार शुरुआत की थी और बढ़त हासिल की थी. क्लीन एंड जर्क में अपने पहले प्रयास में 135 किग्रा भार उठाने के बाद वे दो प्रयासों में 139 किग्रा भार उठाने में असफल रहे, इस दौरान उनके दाहिने हाथ में चोट लग गई.
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सरगर ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, मैंने क्लीन एंड जर्क में दूसरे प्रयास के दौरान एक आवाज सुनी और वजन कम किया. इसके बाद मेरे कोच ने मेरे हाथ पर नजर डाली. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने तीसरा चरण पूरा किया. मैंने स्वर्ण जीतने का पूरा प्रयास किया, लेकिन मैं असफल रहा. उन्होंने आगे कहा, मुझे गोल्ड नहीं मिला, जिससे मुझे निराशा हाथ लगी. मैंने बहुत अधिक प्रयास किया, लेकिन चोट लगने के कारण असफल रहे. उन्होंने कहा कि वह अपना रजत पदक देश में इस समय चल रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह को समर्पित करेंगे.
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बताते चलें, महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले संकेत का वेटलिफ्टिंग से गहरा लगाव रहा है. वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में भी चैम्पियन रहे थे. संकेत 55 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड (कुल 256 किलो) भी रखते हैं. संकेत महादेव सागर ने ताशकंद में आयोजित 2021 राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में पुरुषों के 55 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीत कर कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए क्वॉलीफाई किया था.
सरगर के पिता महादेव सरगर ने कहा, मैं अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए चाय और पान की दुकान चलाता हूं. मेरे बेटे ने हरियाणा (खेलो इंडिया यूथ गेम्स) में महाराष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक जीता था और अब बेटे ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक जीता है. मैं बहुत उत्साहित हूं.