नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन में संपन्न 'वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स' के विजेता खिलाड़ियों की सफलता को रेखांकित हुए रविवार को कहा कि हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो जैसे धरती से जुड़े हुए खेलों में भारत को कभी पीछे नहीं रहना चाहिए.
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 104वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलकूद को लेकर देश के युवाओं और परिवारों में पहले जो धारणा थी वह अब बदली है और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता उन्हें प्रेरित कर रही है.
भारतीय खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
'वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स' में इस साल देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों ने 11 स्वर्ण सहित 26 पदक जीतकर इन खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. मोदी ने कहा कि 1959 से लेकर अब तक जितने भी 'वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स' हुए हैं, उनमें जीते सभी पदकों को जोड़ दें तो भी यह संख्या 18 तक ही पहुंचती है. उन्होंने कहा, 'इतने दशकों में सिर्फ 18, जबकि इस बार हमारे खिलाड़ियों ने 26 पदक जीत लिए'.
प्रधानमंत्री ने इन खेलों के पदक विजेताओं में से कुछ के साथ बातचीत की और उन्हें सफलता पर बधाई दी.
प्रधानमंत्री मोदी का फेवरेट खेल
इस संवाद के दौरान असम के एथलीट अमलान ने प्रधानमंत्री से पूछा कि उन्हें कौन सा खेल सबसे अच्छा लगता है. इसके जवाब में मोदी ने कहा, 'खेल की दुनिया में भारत को बहुत खेलना चाहिए और इसलिए मैं इन चीजों को बहुत बढ़ावा दे रहा हूं. लेकिन हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो ये हमारी धरती से जुड़े हुए खेल हैं. इनमें तो हमें, कभी, पीछे नहीं रहना चाहिए'. उन्होंने कहा कि इनके अलावा तीरंदाजी और निशानेबाजी में देश के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
मोदी ने कहा, 'मैं देख रहा हूं कि हमारे युवाओं में और यहां तक कि परिवारों में भी खेल के प्रति पहले जो भाव था, वह अब नहीं है. पहले तो बच्चा खेलने जाता था तो रोकते थे और अब बहुत बड़ा वक्त बदला है'.