कोलकाता: इस समय कई युवा निशानेबाजों को कोचिंग दे रहे जॉयदीप करमाकर ने कहा है कि भविष्य में इस तरह के कदम नहीं उठाएं जाएं, इसके लिए पूरे खेल जगत को अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी को इसमें दखल देना चाहिए.
हालांकि, लंदन ओलंपिक-2012 में काफी करीब से पदक से चूकने वाले करमाकर ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा किए गए विरोध की प्रशंसा की है और कहा है कि इस फैसले का असर उनकी शिष्य मेहुली घोष जैसे कई खिलाड़ियों पर पड़ेगा.
करमाकर ने कहा,"एक निशानेबाज होने के नाते और निशानेबाजी जगत का हिस्सा होने के नाते, ये जाहिर तौर पर काफी निराशाजनक है. सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि निशानेबाजी एक खेल के तौर पर काफी आगे बढ़ रहा था और इसका राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा इतिहास है."