नई दिल्ली :महान धाविका पीटी उषा (PT Usha) शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के चुनाव में आधिकारिक रूप से पहली महिला अध्यक्ष बन जायेंगी जिससे देश में खेल प्रशासन में नए अध्याय की शुरूआत होगी.
वह आईओए के 95 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद पर काबिज होने वाली पहली ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता होंगी. बाईस साल पहले खेल को अलविदा कहने से पहले वह ट्रैक और फील्ड में भारत के लिए अनगिनत पदक जीत चुकी हैं.
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 में चौथे स्थान पर रही उषा आईओए अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुनी जायेंगी । चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीश (सेवानिवृत) एल नागेश्वर राव की निगरानी में हो रहे हैं.
उषा के अध्यक्ष बनने के साथ ही गुटबाजी के शिकार आईओए में संकट का भी अंत हो जाएगा. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चेताया था कि अगर चुनाव इस महीने नहीं कराए गए तो आईओए को निलंबित किया जा सकता है.
संयुक्त सचिव (महिला) और कार्यकारी परिषद के चार सामान्य सदस्यों के लिए चुनाव होगा जिसके लिए 77 मतदाता अपना वोट डालेंगे. भारतीय बैडमिंटन संघ की अलकनंदा अशोक और भारतीय नेटबॉल महासंघ की सुमन कौशिक पद की दौड़ में हैं. वहीं कार्यकारी परिषद के चार पदों के लिए आठ उम्मीदवार दौड़ में हैं. इनमें अमिताभ शर्मा, भूपेंदर सिंह बाजवा, साइरस पोंचा, हरजिंदर सिंह, हरपाल सिंह, परमिंदर सिंह ढींढसा, रोहित राजपाल और विट्ठल शिरगांवकर शामिल हैं.
उषा के लिए यह बिल्कुल नई जिम्मेदारी होगा क्योंकि वह पहले प्रशासन का हिस्सा नहीं रही है. वह फिलहाल भारतीय एथलेटिक्स महसंघ की जूनियर चयन समिति की अध्यक्ष हैं. इसके अलावा सरकार द्वारा गठित विभिन्न पुरस्कार समितियों की सदस्य रह चुकी हैं. ‘पायोली एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर उषा को सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार माना जा रहा है जिसने उन्हें जुलाई में राज्यसभा सदस्य नामित किया था.