नई दिल्ली:दो दशक में ऐसा पहली बार होगा जब ओलंपिक खेलों में इक्वेस्टेरियन (घुड़सवारी) में कोई खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. एशियाई खेलों में रजत पदक जीत भारत का 36 साल का सूखा खत्म करने वाले फवाद मिर्जा ने आधिकारिक तौर पर टोक्यो ओलंपिक-2020 का टिकट कटा लिया है.
वे 20 साल में पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय घुड़सवार होंगे. फवाद इस बात से बेहद खुश हैं कि वे ओलंपिक में भारतीय इक्वेस्टेरियन को कोटा दिला सके.
फवाद का ओलंपिक खेलना पिछले साल नवंबर में ही तय हो गया था, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा मंगलवार को हुई जब इंटरनेशनल इक्वेस्टेरिन फेडेरेशन (एफईआई) ने अपनी रैंकिंग जारी की. फवाद दक्षिण-पूर्व एशिया-ओसनिया जोन में सबसे ज्यादा ओलंपिक क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने वाले राइडर बनकर उभरे और ओलम्पिक कोटा हासिल करने में सफल रहे.
'ओलंपिक में भारत को जगह दिला गर्व महसूस कर रहा हूं'
फवाद अहमद ने कहा, 'ओलंपिक हर किसी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट होता है, चाहे वो किसी भी खेल का हो. बेशक दबाव होगा, लेकिन मुझे लगता है कि दबाव अच्छा होता, ये आपको कड़ी मेहनत करने के लिए विवश करता है.'
MIRZA
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देश के इस उभरते हुए घुडसवार पर एशियाई खेलों के बाद से ही दबावा था. एशियाई खेलों में फवाद ने रजत जीत 36 साल बाद देश को पदक दिलाया था और अब वह ओलम्पिक में भी भारत की बागडोर संभालेंगे. ओलंपिक में खेलने को लेकर जहां अधिकतर खिलाड़ी दबाव के कारण ठंड़े पड़ जाते हैं, वहीं फवाद कहते हैं कि उन्हें दबाव से डर नहीं लगता, क्योंकि वह दबाव पसंद करते हैं.