नई दिल्ली :आज हमारे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2022) मनाया जा रहा है. हर साल 29 अगस्त को भारत में नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाकर हम अपने देश के हॉकी के जादूगर (Birth Anniversary Of Hockey Legend Major Dhyanchand ) को याद करते हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस के एक दिन पहले 28 अगस्त को भारतीय क्रिकेट टीम ने देशवासियों को जश्न मनाने का एक और मौका दिया जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया कप 2022 में अपने अभियान की विजयी शुरुआत की. राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ साथ कई नेताओं ने ट्वीट करके ध्यान चंद को याद किया है और बधाई संदेश दिया है.
हमारे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस अपने राष्ट्रीय खेल हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न आयु वर्ग की देशभर में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है. जिसमें देश के लोकप्रिय खेलों जैसे- कबड्डी, मैराथन दौड़, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी और तमाम तरह के खेलों में हिस्सा लेते हैं और पुरस्कार प्राप्त करते हैं. आज के दिन खेल पुरस्कारों का भी ऐलान भी करने की परंपरा रही है.
इसीलिए ध्यानचंद को समर्पित है खेल दिवस
मेजर ध्यानचंद को हमारे देश में हॉकी का जादूगर कहा जाता है. मेजर ध्यानचंद ने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल किए थे, जबकि अपने पूरे करियर में लगभग 1,000 गोल करके विश्व में हॉकी के खेल में भारत का परचम लहराया था. उनके नाम तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक दर्ज हैं, जिन्हें अपने दम पर दिलाने में विशेष योगदान दिया था. बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद ने सबसे ज्यादा 11 गोल किये थे. भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में 38 गोल किये थे, जिसमें सिर्फ एक गोल खाया था. 1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक में ध्यानचंद ने 5 मैचों में 14 गोल किए थे. फाइनल में हॉलैंड को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था, जिसमें ध्यानचंद ने 2 गोल किए थे.
कहा जाता है कि मेजर ध्यानचंद हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में से एक थे. अगर कोई गेंद उनकी स्टिक में फंस जाती थी, तो वह गोल करके ही वापस लौटते थे. यही कारण था कि एक बार मैच के दौरान उनकी छड़ी टूट गई थी. तो उसका परीक्षण किया गया था और यह जांचने की कोशिश की गयी थी कि कहीं उनकी छड़ी के अंदर कोई चुंबक है या कुछ और तो नहीं है.
मेजर ध्यानचंद, तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे. 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में, ध्यानचंद को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान चुना गया था. ऐसे महान खिलाड़ी को श्रद्धांजलि देने के लिए ही भारत सरकार ने 2012 में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. इस मान्यता से पहले, उन्हें 1956 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
राष्ट्रीय खेल दिवस पर सम्मान की परंपरा
देश भर में राष्ट्रीय खेल दिवस समारोह राष्ट्रीय खेल दिवस राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन में समारोह आयोजित करके खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया जाता है. कभी कभी इस अवसर पर खेल पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है. राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के तहत खिलाड़ियों और पूर्व खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन सभी सम्मानों के साथ इस दिन 'ध्यानचंद पुरस्कार' भी दिया जाता है।