जयपुर: भारतीय पुरुष मुक्केबाज विकास कृष्ण यादव अपने करियर के तीसरे ओलंपिक में भाग लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जो कि अगले साल टोक्यो में आयोजित होने वाला है.
विकास तीसरी बार ओलंपिक में भाग लेने वाले दूसरे भारतीय पुरूष मुक्केबाज होंगे, उनसे पहले यह उपलब्धि विजेंदर सिंह के पास है, जिन्होंने 2008 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.
अपने कोच रोनाल्ड सिम्स के साथ अमेरिका में पिछले कुछ महीनों से प्रशिक्षण ले रहे अनुभवी भारतीय मुक्केबाज अब अपने देश में वापस आ गए हैं. उनका कहना है कि आगामी टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना उनका एकमात्र लक्ष्य है.
28 वर्षीय मुक्केबाज का मानना है कि यह उनके लिए भाग्यशाली होगा कि वे तीसरी बार ओलंपिक में भाग ले रहे हैं और अब वे ओलंपिक क्वालीफिकेशन कैंपेन में सफलता प्राप्त करने के बाद देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करना चाहते है.
विकास ने एक शो में कहा, "मेरा उद्देश्य इस बार देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है. मैंने दो बार देश का प्रतिनिधित्व किया है लेकिन अब स्वर्ण पदक को हथियाने का समय आ गया है. मैं दुनिया को दिखाने जा रहा हूं कि मुक्केबाजी एक कला है."
2010 के एशियाई खेलों और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता विकास ने कहा, "हमें काफी मजबूत टीम मिली है. हमारी टीम में अमित पंघाल और मनीष कौशिक जैसे खिलाड़ी हैं, जो विश्व चैंपियनशिप पदक जीत चुके हैं. ये खिलाड़ी दुनिया के किसी भी खिलाड़ी को हराने में सक्षम हैं. इनके अलावा हमारे पास सतीश कुमार हैं जो बहुत अधिक अनुभवी हैं और हमारे पास आशीष चौधरी हैं और हमारे पास काफी अच्छे लोगों की टीम है, हमारी टीम काफी मजबूत है. हमारे दल में युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों दोनों का संयोजन है. हम ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे."
अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित मुक्केबाज ने खेल के प्रति सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "जमीनी स्तर पर सरकार कुछ ठीक निर्णय ले रही है. सरकार ने ऐसे स्पोर्ट सेंटर खोले हैं, जो हमारे जैसे खिलाड़ियों और उन खिलाड़ियों की मदद कर रहे हैं जो एलीट स्तर पर अच्छे हैं. सरकार उनकी अकादमियों को खोलने में मदद कर रही है और उन्हें जमीन और जरूरी संसाधन उपलब्ध करवा रही है. भारत में सुधार हो रहा है. लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि रोम एक दिन में नहीं बनाया गया था, इसलिए इसमें समय लगेगा."
विकास ने आने वाली पीढ़ी को महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा, "किसी भी प्रकार की दवाई या सप्लीमेंट का सेवन नहीं करें. मैं इसे देश के सभी युवा मुक्केबाजों और सभी युवा खिलाड़ियों को बताना चाहता हूं कि ऐसी कोई भी गोली नहीं है जो आपको एक दिन में सफलता की सीढ़ी पर ले जाए. केवल मेहनत ही सफलता की कुंजी है."