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भारत और रूस शतरंज ओलंपियाड में बने संयुक्त विजेता - chess Olympiad news

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ ने जानकारी दी है कि शतरंज ओलंपियाड में भारत और रूस दोनों को ही संयुक्त विजेता बनाया गया है.

शतरंज ओलंपियाड
शतरंज ओलंपियाड

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Published : Aug 30, 2020, 10:21 PM IST

चेन्नई :भारत और रूस को इंटरनेट और सर्वर की खराबी के कारण रविवार को 2020 ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में संयुक्त विजेता घोषित किया गया.
पहले रूस को विजेता घोषित किया गया क्योंकि फाइनल में भारत के दो खिलाड़ियों निहाल सरीन और दिव्या देशमुख ने सर्वर के साथ कनेक्शन नहीं बन पाने से समय गंवाया. भारत ने इस विवादास्पद फैसले पर विरोध व्यक्त किया जिसके बाद इसकी समीक्षा की गई.


अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के लिए ये पहला अवसर था जबकि उसने कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपियाड का ऑनलाइन आयोजन किया.
विश्व संस्था ने ट्वीट किया, “फिडे अध्यक्ष अर्काडी डोवोरकोविच ने दोनों टीमों भारत और रूस को फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड का स्वर्ण पदक देने का फैसला किया.”

इंटरनेशनल चेस फेडरेशन का ट्वीट

फाइनल के बाद भारत के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने ट्वीट किया, “हम चैंपियन है. रूस को बधाई.” फाइनल का पहला दौर 3-3 से बराबर रहा था. पहली छह बाजियां बराबरी पर छूटी थी. रूस ने दूसरा दौर 4.5-1.5 से जीता. उसकी तरफ से आंद्रेई एस्पिेंको ने सरीन को जबकि पोलिना शुवालोवा ने देशमुख पर जीत दर्ज की. इससे विवाद हो गया क्योंकि भारतीयों ने दावा किया खराब कनेक्शन के कारण उन्हें हार मिली.

दूसरे दौर में पी हरिकृष्णा का स्थान आने वाले आनंद ने इयान नेपोमिनियात्ची के खिलाफ ड्रा खेला जबकि कप्तान विदित गुजराती ने दानिल दुबोव के खिलाफ अंक बांटे.
विश्व रैंपिड चैंपियन कोनेरू हंपी ने अलेक्सांद्रा गोरयाचकिना को हराया जबकि डी हरिका ने अलेक्सांद्रा कोस्तेनियुक के साथ बाजी ड्रा खेली.

पहले दौर में गुजराती ने नेपोमिनियात्ची से ड्रा खेला जबकि हरिकृष्णा और व्लादीमीर आर्मेतीव ने भी अंक बांटे. अन्य मैचों में हंपी और हरिका ने क्रमश: लैगनो और कोस्तेनियुक के साथ ड्रा खेला जबकि आर प्रागननंदा और देशमुख भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को बराबरी पर रोकने में सफल रहे.

हंपी ने जीत पर कहा, “यह थोड़ा अजीब रहा कि हमें सर्वर की नाकामी के कारण हार का सामना करना पड़ा तथा हमारी अपील स्वीकार की गयी. मैं यही कह सकती हूं कि हमने आखिर तक हार नहीं मानी.”

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