चंडीगढ़: पूर्व भारतीय टेबल टेनिस के लिए शुक्रवार (6 दिसंबर) का दिन अच्छा नहीं रहा जब देश के दो अनुभवी कोच भवानी मुखर्जी और तपन बोस ने यहां अंतिम सांस ली.
कोच मुखर्जी का पेट की बीमारी के कारण यहां जिरकपुर में उनके निवास पर निधन हो गया. वे 68 वर्ष के थे. वहीं बोस को यहां उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ा. वे 78 वर्ष के थे.
मुखर्जी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा हैं. बोस के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है.
टीटीएआई महासचिव एमपी सिंह ने मीडिया को बताया, ''उन्हें (मुखर्जी) पेट संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और उनका उनके निवास पर निधन हो गया. दोनों मशहूर कोचों के बीच अच्छा तालमेल था. बोस के 1974 में सेवानिवृत्त होने के बाद मुखर्जी एनआईएस में मुख्य कोच बने. इससे पहले वे उनके सहायक के तौर पर काम कर रहे थे."
भवानी मुखर्जी टेबल टेनिस में द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले कोच थे. उन्होंने अजमेर में स्कूल और कालेज की शिक्षा ग्रहण की थी.
कोचिंग में डिप्लोमा लेने के बाद 70 के दशक के मध्य में वे पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से जुड़े थे. वह एनआईएस पटियाला में मुख्य कोच थे और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के बाद थोड़े समय के लिए राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच बने थे.