नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि फुटबॉल 'लोकप्रिय' खेल है जिसको आगे ले जाने की जरूरत है. न्यायालय ने खेल के राष्ट्रीय महासंघ के लिए संविधान के मसौदे पर न्याय मित्र को सुझाव देने को कहा. देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud), न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ को अवगत कराया गया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) के संविधान मसौदे पर आपत्तियां प्राप्त हुई हैं.
अदालत ने आदेश में कहा, 'न्याय मित्र (वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन जो पीठ की सहायता कर रहे हैं) से आपत्तियों को सारणीबद्ध करने का अनुरोध किया जाता है जिससे कि संविधान को अंतिम रूप दिया जा सके.' पीठ ने कहा कि एआईएफएफ (AIFF) के फोरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है और इसे न्यायाधीशों को सौंपा गया है. पीठ ने फुटबॉल महासंघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन की दलीलों पर भी ध्यान दिया.
चूंकि खेल निकाय के चार मौजूदा प्रशासनिक सदस्यों सहित आठ लोगों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई थी इसलिए याचिका को न्याय मित्र को सौंपना उचित होगा जिससे कि वह इसे आगे बढ़ाएं. इसके बाद पीठ ने अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया और दो हफ्ते बाद सुनवाई की तारीख तय की. पीठ ने कहा, 'कोई भी पक्ष जो संविधान के मसौदे पर सुझाव देना चाहता है, वह न्याय मित्र को दे सकता है.'