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'मुझे पुरस्कार मत दो, लेकिन कृपया मेरे कोच को सम्मानित करो'

विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल का कहना है, मुझे खुशी होगी अगर मेरे पूर्व कोच अनिल धनकड़ के नाम पर द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए विचार किया जाए. वे एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

Amit Panghal

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Published : Sep 22, 2019, 4:27 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:23 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत सम्मान नहीं चाहिए लेकिन वे चाहते हैं कि उनके पूर्व कोच अनिल धनकड़ को सम्मानित किया जाए. वे शनिवार को रूस के एकातेरिनबर्ग में समाप्त हुई विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने. वे एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

एक साल का लग चुका है प्रतिबंध

अर्जुन पुरस्कार के लिए उनके नाम की अनदेखी की गई क्योंकि 2012 में चिकन पाक्स के उपचार के लिए ली गई दवाई से वे डोपिंग उल्लघंन कर बैठे थे. डोपिंग परीक्षण में विफल होने के कारण उन पर एक साल का प्रतिबंध भी लगा था. उन्होंने कहा, 'मैं पुरस्कारों की परवाह नहीं करता लेकिन मुझे खुशी होगी अगर मेरे पूर्व कोच अनिल धनकड़ के नाम पर द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए विचार किया जाए. उन्होंने शुरूआती वर्षों में मुझे ट्रेनिंग दी और अगर वे नहीं होते तो मैं आज ऐसा मुक्केबाज नहीं होता.'

'आज भी मार्गदर्शन के लिए धनकड़ सर के पास जाता हूं'

पंघाल ने कहा, 'मैंने 2008 में मुक्केबाजी शुरू की थी और धनकड़ सर तब से मेरे लिए अहम बने रहे हैं. अब भी जब मुझे किसी मामले में मार्गदर्शन की जरूरत होती है तो मैं धनकड़ सर के पास जाता हूं. उन्हें पुरस्कार मिलने का मतलब मुझे पुरस्कार मिलना होगा. बल्कि मुझे ज्यादा खुशी होगी.'

अमित पंघाल

45 वर्षीय धनकड़ कभी भी किसी राष्ट्रीय टीम से नहीं जुड़े हैं लेकिन जब वे मुक्केबाज थे तो राष्ट्रीय स्तर के पदकधारी थे. उन्होंने अपने शिष्य के इस लगाव के बारे में कहा, 'मैं 2005 से उसे जानता हूं. मेरे लिए वे परिवार की तरह है. मैं उसके परिवार वालों से काफी करीब हूं और वे मेरे बच्चे की तरह ही है.'

बदलाव के बावजूद प्रदर्शन पर कोई असर नहीं

भारतीय सेना के 23 वर्षीय नायब सूबेदार पंघाल पिछले दो वर्षों से शानदार फार्म में हैं. उन्होंने 49 किग्रा से 52 किग्रा में वजन वर्ग में खेलने का फैसला किया लेकिन इस बदलाव के बावजूद उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा. अब वे अगले साल फरवरी में चीन में होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भाग लेंगे. उन्होंने कहा, 'ये एक और चुनौती है और मैं इसमें बेहतर करने की कोशिश करूंगा

Last Updated : Oct 1, 2019, 2:23 PM IST

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