दोहा: भारत के लिए रविवार से शुरू होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पिछली बार की तरह शीर्ष पर रहने के कारनामे को दोहराना मुश्किल होगा हालांकि इसके बावजूद एथलीटों से टीम को पर्याप्त पदकों की उम्मीदों है.
भुवनेश्वर में 2017 में आयोजित चैंपियनशिप में भारत ने 12 स्वर्ण, पांच रजत और 12 कांस्य पदक सहित 29 पदक जीते थे. चीन 20 पदक लेकर दूसरे स्थान पर रहा था.
नीरज चोपड़ा समेत कई खिलाड़ी चोटिल
लेकिन इस बार 42 सदस्यीय भारतीय टीम से इस प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद नहीं है क्योंकि भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा सहित कई शीर्ष खिलाड़ी चोट सहित विभिन्न कारणों से इसमें भाग नहीं ले रहे हैं.
पटियाला में अभ्यास के दौरान नीरज की कोहनी में चोट लग गई थी और वह अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाएंगे. राष्ट्रीय रिकार्ड धारक धारूण अयासामी (पुरूष 400 मीटर बाधा दौड़), एम श्रीशंकर (पुरूष लंबी कूद) और एशियाई खेलों में 800 मीटर के स्वर्ण पदक विजेता मनजीत सिंह चोटिल होने के कारण टीम में नहीं है.
त्रिकूद के एथलीट अरपिंदर सिंह अमेरिका में अभ्यास कर रहे हैं. वह फेडरेशन कप में क्वालीफाईंग मानक हासिल नहीं कर पाये थे. पिछली बार महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुधा सिंह फेडरेशन कप में नहीं खेली थी. इसके बावजूद उन्हें टीम में चुना गया था लेकिन खेल मंत्रालय ने उनके नाम को मंजूरी नहीं दी.
पहले दिन आठ स्वर्ण पदक होंगे दांव पर
रविवार को पहले दिन आठ स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे. भारतीय नजरिये से महिलाओं का 400 मीटर का फाइनल महत्वपूर्ण होगा. हिमा दास इसमें भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी जिसमें प्रारंभिक दौर सुबह और फाइनल शाम को होगा.
एशियाई चैंपियनशिप काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें स्वर्ण पदक जीतने वाले को इसी स्थल पर सितंबर-अक्टूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप का टिकट मिलेगा. भारत की तरफ से जिनसन जानसन (1500 मीटर), तेजिंदर पाल सिंह तूर और महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम को स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा है.