नई दिल्ली:अर्जेटीना के महान खिलाड़ी डिएगो मैराडोना के साथ हमेशा से फुटबॉल प्रशंसकों की आस्था जुड़ी रही है. डोपिंग, ड्रग्स और खराब बर्ताव करने के बावजूद आज भी मैराडोना की छवि एक 'लिविंग लेजेंड' वाली है. आज इस दिग्गज का 59वां जन्मदिन है.
एक खिलाड़ी के रूप में मैराडोना का करियर 1997 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन आज भी वो लोकप्रियता के मामले में लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. आज भी मैराडोना पर डॉक्यूमेंट्री बनाई जाती है और उनकी जिंदगी के एक नए पहलू को उजागर करने की कोशिश की जाती है.
अर्जेटीना के लिए डिएगो मैराडोना दशकों बाद भी मेक्सिको में हुए 1986 फीफा विश्व कप में किए गए उनके जादुई प्रदर्शन को याद किया जाता है. युवा फैन्स घंटों बैठकर यूट्यूब पर पांच फुट पांच इंच के मैराडोना के वीडियो देखकर सोचते हैं कि क्या वो आज के लियोनेल मेसी से भी बेहतर थे.
30 अक्टूबर 1960 में अर्जेटीना के ब्यूनस आयर्स प्रांत में जन्मे मैराडोना को बचपन से ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी माना जाता था, लेकिन 1986 में फुटबॉल के लिए पागल अर्जेटीना को विश्व कप दिलाने के बाद प्रशंसकों के दिलों में उनका कद भगवान जितना बड़ा हो गया.
इंग्लैंड के खिलाफ उस विश्व कप क्वार्टर फाइनल में किए गए प्रदर्शन को मैराडोना का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जाता है. मैच में किए गए मैराडोना के पहले गोल को 'गॉड ऑफ हैंड' के नाम से जाना जाता है जबकि दूसरे गोल को हॉफ लाइन के पास से गेंद के साथ लगाई गई लंबी रन के लिए याद किया जाता है.
मैराडोना ने अपनी ड्रिब्लिंग स्किल्स और बॉल कंट्रोल से टूर्नामेंट में हर टीम के डिफेंस को छकाया और कुल पांच गोल करते हुए अर्जेटीना को दूसरा विश्व कप खिताब दिलाकर लौटे. उन्होंने कुल पांच गोल किए और उन्हें टूर्नामेंट का बेस्ट प्लेयर भी चुना गया. इस विश्व कप में उन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. वो ऐसे खिलाड़ी बन गए जिनके खिलाफ एक विश्व कप में सबसे ज्यादा फाउल (53) किए गए.
एफसी बार्सिलोना के लिए मैराडोना क्लब फुटबॉल में भी मैराडोना का करियर दमदार रहा. वो एफसी बार्सिलोना और नपोली जैसे शीर्ष क्लबों के लिए खेले और यूरोप में भी अपनी स्किल का डंका बजाया. हालांकि, इस दौरान वह ड्रग्स के आदी भी हुए और 1991 में उन पर 15 महीने का बैन लग गया.
बैन से वापस लौटने के बाद मैराडोना कई अन्य क्लब के लिए खेले जिसमें अर्जेटीना का सबसे बड़ा क्लब बोका जूनियर्स भी शामिल है. हालांकि, दर्शकों को मैदान पर दोबारा 1986 वाले मैराडोना की छवि देखने को नहीं मिली.
गिमनासिया दे ला प्लाता के मुख्य कोच मैराडोना इनसब घटनाओं के बावजूद दर्शकों के बीच मैराडोना को लेकर प्यार कम नहीं हुआ. 30 अक्टूबर 1998 को मैराडोना के तीन सबसे बड़े प्रशंसकों ने चर्च ऑफ मैराडोना की स्थापना की और आज इसके लाखों फॉलोअर हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, चर्च ऑफ मैराडोना को मानने वालों की संख्या दो लाख के करीब है. इसकी कोई इमारत नहीं लेकिन इसके मानने वालों में दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ी मेसी, रोनाल्डीनियो और कार्लोस टेवेज (मैराडोना के दामाद) शामिल हैं.
मैराडोना आजकल अर्जेटीना के क्लब गिमनासिया दे ला प्लाता के मुख्य कोच हैं.