पेरिस: पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) के स्ट्राइकर नेमार ने कहा है कि वो अल्वारो गोंजालेज का जवाब दिए बिना मैदान नहीं छोड़ सकते क्योंकि मैच अधिकारियों ने मार्सेली के डिफेंडर के खिलाफ लगे नस्लवादी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
नेमार उन पांच खिलाड़ियों में से थे जिन्हें रविवार को मार्सेली के खिलाफ खेले गए मैच में बाहर कर दिया. मार्सेली ने रविवार को पीएसजी को 1-0 से हरा दिया और ये मैच अपने आक्रामक खेल के लिए जाना जाएगा.
ब्राजील के इस खिलाड़ी ने गोंजालेज को इंजुरी टाइम में चांटा मार दिया था, जिन पर नसल्वाद के आरोप थे.
नेमार ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने एक वेबकूफ की तरह व्यवहार किया लेकिन साथ ही कहा कि जो लोग सत्ता में हैं वो खेल में नस्लवाद के मुद्दे पर ध्यान दें.
उन्होंने लिखा, "कल मैंने विद्रोह किया. मुझे सजा मिली क्योंकि मैं उस इंसान को मारना चाहता था जिन्होंने मुझे नीचा दिखाया."
उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि मुझे कुछ करे बिना जाना नहीं चाहिए क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि जो लोग सत्ता में हैं वो कुछ नहीं करेंगे, उन्होंने नोटिस नहीं किया, सच्चाई से मुंह मोड़ा. इस मैच में, मैं हमेशा की तरह जवाब देना चाहता था- फुटबॉल खेलना चाहता था. सच्चाई ये है कि मैं सफल नहीं हुआ, मैंने विद्रोह किया."
उन्होंने कहा, "हमारे खेल में, आक्रामकता, बेइज्जती, कसमें खाना खेल का हिस्सा हैं. मैं उस इंसान को थोड़ा बहुत जानता हूं, लेकिन नस्लवाद और असहिष्णुता मानने योग्य नहीं है."
नेमार का इंस्टाग्राम पोस्ट
नेमार का इंस्टाग्राम पोस्ट
उन्होंने लिखा, "मैं अश्वेत हूं, अश्वेत का बेटा हूं, पोता हूं. मुझे इस पर गर्व है और मैं अपने आप को किसी से अलग नहीं देखता हूं. कल, मैं चाहता था कि जो लोग मैच के जिम्मेदार थे (रेफरी, असिसटेंट) वो कोई रुख नहीं अपनाते."
उन्होंने कहा, "क्या मुझे नजरअंदाज करना चाहिए था? मुझे अभी तक नहीं पता. आज, ठंडे दिमाग से, कहता हूं कि हां, लेकिन उस समय मेरे साथियों और मैंने रैफरी से मदद मांगी लेकिन हमारी बात को नजरअंदाज क दिया गया."
नेमार ने कहा, "नस्लवाद है, लेकिन हमें इसे रोकना होगा. अब नहीं. बहुत हो गया."