नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के डिफेंडर प्रीतम कोटाल ने अपने शुरुआती दिनों में संघर्षो को देखा है और वो चाहते हैं कि किसी को भी उस तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े जैसा कि उन्होंने किया था. कोटाल ने एआईएफएफ से कहा, " मैंने अपने बचपन के दिनों में कठिनाई का सामना किया था. मैं चाहता हूं कि कोई भी उस तरह की परेशानियों का सामना न करे. मेरे छोटे से प्रयासों के पीछे यही कारण है ताकि उनकी मदद की जा सके, जिन्हें इसकी जरूरत है."
उन्होंने कहा, "हम भाग्यशाली थे कि हमें अपने सीनियरों का समर्थन मिला. अगर हम इसे आज उन्हें वापस नहीं देते हैं तो ईमानदारी से कहूं तो हमें उस जगह पर रहने का कोई हक नहीं है, जहां आज हम हैं."