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'स्टीमाक को लेकर जल्दबाजी ठीक नहीं, उन्हें अभी और समय मिलना चाहिए'

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि स्टीमाक की देखरेख में भारतीय टीम के खेल के स्तर में सुधार आ रहा है और आने वाले समय में ये टीम दूसरी टीमों को कड़ी टक्कर देगी.

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Published : Dec 9, 2019, 6:46 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य कोच के तौर पर इगोर स्टीमाक नौ में से सिर्फ एक मैच में भारतीय फुटबॉल टीम को जीत दिला सके हैं. आंकड़े निराशाजनक हैं लेकिन भारतीय टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया का मानना है कि ये समय घबराने का नहीं है क्योंकि बेहतर परिणाम के लिए स्टीमाक को और समय मिलना चाहिए.

स्टीमाक की देखरेख में भारतीय टीम ने नौ मैचों में नौ गोल किए हैं लेकिन 18 गोल खाए हैं लेकिन भूटिया आंकड़ों पर ध्यान नहीं देते.

भूटिया ने कहा कि स्टीमाक की देखरेख में भारतीय टीम के खेल के स्तर में सुधार आ रहा है और आने वाले समय में ये टीम दूसरी टीमों के लिए मुश्किल साबित होगी, ऐसे में आंकड़ों पर ध्यान देना उचित नहीं होगा.

बाइचुंग भूटिया
भूटिया ने कहा, "देखिए, मैं कोच के तौर पर स्टीमाक के प्रदर्शन का आंकलन करने वाला मैं कोई नहीं होता हूं. मैं आशा कर रहा हूं कि टीम अच्छा करना शुरू करेगी. मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी टीम अच्छी फुटबॉल खेल रही है.इसे लेकर मैं आश्वस्त हूं. ये टीम एक इकाई के तौर पर खेल रही है. कुछ मैच हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे लेकिन इसके बावजूद मैं चिंता वाली कोई बात नहीं देख रहा हूं."

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एआईएफएफ की तकनीकी समिति ने स्टीमाक के प्रदर्शन को लेकर नाखुशी जाहिर की थी. ऐसे में स्टीमाक के लिए भूटिया की बातें राहत देने वाली हैं. तकनीकी समिति ने खासतौर पर बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर नाखुशी जाहिर की थी.

भूटिया ने कहा, "हां, परिणाम के लिहाज से स्टीमाक ने निराश किया है लेकिन टीम अच्छा खेल रही है. मैं समझता हूं कि हमें थोड़ा संयम रखना चाहिए. मैं निश्चित तौर पर स्टीमाक को और समय देना चाहूंगा. मैं परिणाम को लेकर जल्दबाजी में नहीं हूं. हर किसी को परिणाम की चिंता होती है और ऐसे में आलोचना हो होगी लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि स्टीमाक किस तरह आलोचना से निकलते हैं."

इगोर स्टीमाक
भूटिया ने स्टीमाक के उस बयान को लेकर सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में नेचुरल स्ट्राइकर्स की कमी है. टीम मौके तो बना रही है लेकिन उन्हें भुना नहीं पा रही है. ऐस में भूटिया मानते हैं कि ऐसे खिलाड़ी तैयार करने होंगे, जो मौकों को भुना सकें क्योंकि सुनील छेत्री समय के साथ बूढ़े हो रहे हैं.भूटिया ने कहा, "हमारे यहां नेचुरल स्ट्राइकर्स की कमी तो है. अब हमारे कप्तान और बेहतरीन स्ट्राइकर छेत्री समय के साथ बूढ़े हो रहे हैं और उनका स्थान लेने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है."

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