हैदराबाद : 14 जुलाई 2019 को वर्ल्ड कप का फाइनल इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में खेला जा रहा था. सात समंदर पार एक 19 साल का लड़का बैंगलोर के एक पब में ये मुकाबला देख रहा था. उस दिन क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मुकाबले का नतीजा रन या विकेट से नहीं बल्कि बाउंड्रीज के आधार पर हुआ. फाइनल मुकाबले में पहले स्कोर टाई हुआ और फिर सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने बराबर रन बनाए लेकिन ज्यादा बाउंड्री के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया. 19 साल का भारतीय मूल का वो लड़का अपनी न्यूज़ीलैंड की टीम को हारता देख, इस नियम को कोस रहा था.
कहानी फिल्मी लगती है
ये किस्सा किसी इंस्पीरेशनल फिल्म का स्क्रीन प्ले लग सकता है लेकिन ये उतनी ही हकीकत है, जितना 2019 के फाइनल में इंग्लैंड का विश्व चैंपियन बनना. 4 साल बाद घुंघराले बालों वाला वो लड़का वर्ल्ड कप 2023 के पहले मैच में न्यूजीलैंड की तरफ से उसी इंग्लैंड टीम की धज्जियां उड़ा रहा था. जिसे ज्यादा चौके मारने की वजह से चार साल पहले वर्ल्ड कप ट्रॉफी थमा दी गई थी. विश्व कप का ओपनिंग मुकाबला पिछले वर्ल्ड कप के फाइनलिस्ट के बीच खेला गया. इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 282 रन बनाए और महज 10 रन पर न्यूजीलैंड का पहला विकेट भी चटका दिया. इस वक्त इंग्लैंड के हौसले बुलंद थे लेकिन 23 साल का एक बैटर कुछ और ही सोचकर बल्लेबाजी करने उतरा था. ओपनर डेवन कॉन्वे के साथ उस बैटर ने 273 रन बनाए और टीम को 9 विकेट से जीत दिला दी. उस खिलाड़ी का नाम है रचिन रविंद्र, इस नाम की कहानी भी कम फिल्मी नहीं है, उसे बाद में जानेंगे लेकिन पहले बात वर्ल्ड कप के उस पहले मैच की करते हैं जिसने रचिन के नाम को क्रिकेट फैन्स के बीच पहुंचा दिया.
शानदार वर्ल्ड कप डेब्यू
रचिन रविंद्र ने अपने पहले विश्व कप के पहले मैच में ही शतक जड़ दिया. सिर्फ 96 गेंद पर 123 रन की पारी में 5 छक्के और 11 चौके शामिल थे. डेवन कॉन्वे ने 152 रन की पारी खेली लेकिन प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब युवा रचिन रविंद्र को मिला. मौजूदा वर्ल्ड कप में ये क्रिकेट के इस नए सितारे की सिर्फ शुरुआती चमक भर थी क्योंकि विश्व कप के 8 मैचों में रचिन 3 सेंचुरी और 2 हाफ सेंचुरी के साथ कुल 523 रन जड़ चुके हैं. उन्होंने इस विश्वकप में अब तक इंग्लैड के अलावा पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ भी शतक जड़े हैं. भारत के खिलाफ भी उन्होंने 75 रन की शानदार पारी खेली थी.
एक विश्व कप में न्यूजीलैंड के लिए 3 शतक जड़ने वाले वो इकलौते बल्लेबाज हैं. अगर न्यूजीलैंड फाइनल तक पहुंचती है तो टीम को तीन मैच और खेलने होंगे. जिनमें रचिन रविंद्र के बल्ले से ना जाने कितने रिकॉर्ड बनेंगे. वैसे फिलहाल वो इस विश्वकप में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं, जिनमें 40 चौके और 14 छक्के भी हैं. रचिन टीम के लिए डबल बोनस लेकर आते हैं क्योंकि वो बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं.
बहुत खास है रचिन का नाम
रचिन रविंद्र, नाम सुनने में भले अटपटा सा लगे लेकिन इसके पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. रचिन का जन्म 18 नवंबर 1999 को न्यूजीलैंड के वेलिंगटन शहर में रवि कृष्णमूर्ति के घर हुआ. जिनका नाता भारत के शहर बेंगलुरू से है. रवि कृष्णमूर्ति सिर्फ क्रिकेट के शौकीन नहीं थे, वो क्लब क्रिकेट खेलते भी थे. वो सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड के जबरा फैन थे, सो जब उनके घर बेटे का जन्म हुआ तो उन्होंने अपने बेटे का नाम इन्हीं दो खिलाड़ियों के नाम के पहले अक्षरों को जोड़कर बनाया. राहुल का Ra और सचिन का Chin जोड़कर रवि कृष्णमूर्ति ने अपने बेटे को रचिन नाम दिया था.