Yuzvendra Singh Chahal : आखिर वनडे विश्वकप से क्यों चूके चहल, ऐसा रहा है वनडे का ट्रैक रिकॉर्ड
Why Yuzvendra Singh Chahal Missing From World Cup Team : भारतीय क्रिकेट टीम में लेग ब्रेक व गुगली विशेषज्ञ युजवेंद्र चहल के टीम इंडिया में न चुने जाने का असली कारण ये भी हो सकता है, क्योंकि....
नई दिल्ली :भारतीय क्रिकेट टीम में लेग ब्रेक व गुगली विशेषज्ञ युजवेंद्र चहल का सेलेक्शन न होने पर लोगों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं, लेकिन अधिकतर खिलाड़ियों का मानना है कि टीम के कंबिनेश को देखकर लगता है कि अगर युजवेंद्र चहल टीम में शामिल भी होते तो उनके प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका शायद ही मिलता. टीम मैनेजमेंट बल्लेबाजी की गहराई बढ़ाने के लिए उन गेंदबाजों को वरीयता दे रहा है, जो बल्लेबाजी करने में माहिर हैं और निचले क्रम में आकर रन भी बना सकें. इसीलिए प्लेइंग इलेवन में रविन्द्र जडेजा और कुलदीप के अलावा भारतीय टीम तीसरे स्पिनर के बारे में शायद ही सोचती. इसीलिए ऑलराउंडर्स पर जोर दिया गया है.
अगर आप युजवेंद्र चहल के वनडे क्रिकेट करियर के आंकड़ों को देखेंगे तो पता चलेगा कि उनका पीक समय 2017 से लेकर 2019 के बीच में था, लेकिन 2020 और 21 में कोरोना काल के दौरान कम मैच खेलने के कारण एक बार फिर वह पर्दे के पीछे चले गए, लेकिन 2022 में जब उन्हें फिर से अधिक मैचों में मौका मिला तो उन्होंने अपनी गेंदबाजी का बेहतरीन नमूना पेश किए. लेकिन 2023 में वेस्टइंडीज दौरे के बाद एशिया कप और वर्ल्ड कप की टीम से उनकी छुट्टी कर दी गई है. वह वेस्टइंडीज दौरे पर भी एक भी मैच नहीं खेल पाए. 2023 में वह केवल 2 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें एक मैच श्रीलंका के खिलाफ गुवाहाटी व आखिरी मैच इंदौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था.
लेग ब्रेक व गुगली विशेषज्ञ युजवेंद्र चहल का वनडे रिकॉर्ड
इसके अलावा आप देखेंगे तो चहल को कई और खास मौके पर ड्रॉप करके टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया. पिछले 2 सालों में वह कई महत्वपूर्ण बड़ी प्रतियोगिताओं से बाहर होते रहे हैं.
युजवेंद्र चहल का करियर
युजवेंद्र चहल का एकदिवसीय मैचों में करियर 2016 से शुरू होता है. 2016 में उन्होंने 3 मैच की तीन पारियों में कुल 6 विकेट चटकाए थे. इसके बाद 2017 में उन्होंने 14 मैचों में 21 विकेट हासिल किये, जबकि 2018 में उन्हें 17 मैचों में 29 विकेट मिले. वहीं 2019 में 16 मैचों में उन्होंने एक बार फिर 29 विकेट हासिल किये. 2020 में उन्हें केवल चार वनडे मैच खेलने का मौका मिला तो उसमें चहल ने 7 विकेट हासिल किए. 2021 में केवल दो मैचों में खेल पाए और पांच विकेट उनके खाते में रहे. 2022 में एक बार फिर उनको 14 मैचों की 12 पारियों में गेंदबाजी का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 21 विकेट हासिल किये. जबकि 2023 में वह केवल दो मैच ही खेल पाए और उनके हाथ केवल 3 विकेट लगे हैं.
लेग ब्रेक व गुगली विशेषज्ञ युजवेंद्र चहल का कप्तानों के साथ करियर
एक कारण यह भी
युजवेंद्र चहल के बारे में कहा जाता है कि उनकी टीम इंडिया के कप्तानों में सबसे अच्छी ट्युनिंग विराट कोहली के साथ थी. उन्होंने विराट कोहली की कप्तानी में 2017 से 2020 के बीच को 41 मैच की 41 पारियों में 71 विकेट हासिल किए. जबकि रोहित शर्मा की कप्तानी में 2017 से 2023 के बीच उनको केवल 17 मैच खेलने का मौका मिला और इसमें उन्होंने 30 विकेट हासिल किए हैं. इसके अलावा वह धोनी की कप्तानी में 3, धवन की कप्तानी में 8 और केएल राहुल की कप्तानी में 3 मैच खेले हैं.
इस तरह से देखा जाए तो युजवेंद्र चहल को रोहित की अपेक्षा विराट कोहली के ज्यादा करीबी रहे हैं और उन्हें अधिक मौके उन्हीं की कप्तानी में मिले हैं. अब विश्व कप में युजवेंद्र चहल नहीं खेल पाएंगे, क्योंकि उनको टीम मैनेजमेंट ने 15 खिलाड़ियों में शामिल नहीं किया है. इसके अलावा युजवेंद्र चहल के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में भी खेलने की संभावना कम ही दिखाई दे रही है.