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पंजाब ने पहली बार जीता सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब, रोमांचक फाइनल में बड़ौदा को 20 रनों से हराया

Syed Mushtaq Ali Trophy 2023 Champions: पंजाब और बड़ौदा के बीच मोहाली में खेली गए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के रोमांचक फाइनल मैच में पंजाब ने बड़ौदा को 20 रनों से हराकर पहली बार खिताब पर अपना कब्जा जमाया. अनमोलप्रीत के शतक के बाद अर्शदीप सिंह की घातक गेंदबाजी की बदौलत पंजाब की जीत हुई.

Syed Mushtaq Ali Trophy 2023 Champions Punjab
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2023 चैंपियन पंजाब

By PTI

Published : Nov 6, 2023, 10:39 PM IST

मोहाली : अनमोलप्रीत सिंह के धुआंधार शतक और भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के अनुभव की बदौलत पंजाब ने सोमवार को यहां बड़ौदा पर 20 रन की जीत से सैयद मुश्ताक अली ट्राफी टी20 टूर्नामेंट में पहली ट्रॉफी अपने नाम की. अनमोलप्रीत ने 61 गेंद में 113 रन की पारी खेली जबकि नेहाल वढेरा ने 27 गेंद में 61 रन बनाकर पंजाब को निर्धारित 20 ओवर में चार विकेट पर 223 रन का बड़ा स्कोर बनाने में मदद की.

जवाब में बड़ौदा की टीम 7 विकेट पर 203 रन ही बना सकी जिसमें बायें हाथ के गेंदबाज अर्शदीप (23 रन देकर चार विकेट) की अहम भूमिका रही. जिन्होंने 19वें ओवर में तीन विकेट झटककर मैच अपनी टीम के नाम कर दिया.

पंजाब ने अंतिम 21 गेंद में नौ छक्के और तीन चौके जड़े थे जिससे टीम ने अंतिम 10 ओवर में 143 रन बनाये जो अर्शदीप की गेंदबाजी के अलावा टीम को खिताब दिलाने में निर्णायक रहे. चार बार फाइनल में पहुंची पंजाब ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया और बड़ा स्कोर बनाकर प्रतिद्वंद्वी को दबाव में डाल दिया. अनमोलप्रीत ने पीसीए स्टेडियम में केवल 58 गेंद में अपना शतक पूरा कर लिया.

बड़ौदा के लिए सोयेब सोपारिया ने पंजाब के फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा को मैच की पहली ही गेंद पर आउट कर दिया. और फिर प्रभसिमरन भी अतीत सेठ का शिकार हो गये जिससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 18 रन हो गया.

फिर अनमोलप्रीत और कप्तान मंदीप सिंह (23 गेंद में 32 रन) ने भागीदारी बनायी लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं चल सकी. क्रुणाल पंड्या की गेंद पर मंदीप रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में आउट हो गये जिससे स्कोर तीन विकेट पर 80 रन था.

अब अनमोलप्रीत और वढेरा क्रीज पर थे तथा दोनों ने मिलकर पंजाब की पारी आगे बढ़ायी और टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर के करीब पहुंचाया. इन दोनों ने आसानी से चौके छक्के जड़ते हुए बड़ौदा के गेंदबाजों को दबाव में ला दिया और मैदान के चारों ओर रन जुटाये.

इस लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ौदा को पहला झटका दूसरे ही ओवर में अनुभवी तेज गेंदबाज सिद्धार्थ कौल ने दिया जिन्होंने ज्योत्सनिल सिंह को सस्ते में पवेलियन भेज दिया. निनाद रथवा ने 22 गेंद में 47 रन बनाये और अभिमन्युसिंह राजपूत (42 गेंद में 61 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 71 रन की भागीदारी निभायी. मयंक मार्कंडे ने निनाद को आउट कर यह भागीदारी तोड़ी. राजपूत और क्रुणाल ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन जोड़े. अर्शदीप ने 17वें ओवर में राजपूत को आउट किया जिससे स्कोर तीन विकेट पर 164 रन था.

क्रुणाल आसानी से हार मानने वाले नहीं थे, वह गेंदबाजों के खिलाफ डटे रहे और विष्णु सोलंकी के रूप में उन्हें अच्छा भागीदार मिला जिन्होंने आते ही बाउंड्री लगाना शुरू कर दिया. लेकिन अर्शदीप ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 19वें ओवर में क्रुणाल, शिवालिक शर्मा और भानू पानिया को आउट किया.

पंजाब और बड़ौदा दोनों का यह पांचवां फाइनल था. दोनों टीमें 2011-12 फाइनल में एक दूसरे से भिड़ी थीं जब बड़ौदा ने पंजाब को हराकर दो में से अपना पहला खिताब जीता था.

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