विशाखापत्तनम : वनडे विश्व कप के दौरान ईशान किशन को भले ही शुरुआती मुकाबलों के बाद खेलने का मौका नहीं मिला हो लेकिन उन्हें विशेषज्ञ कोच के मार्गदर्शन में अपने खेल पर काम करने का मौका मिला. उन्होंने नेट पर बल्लेबाजी का कड़ा अभ्यास किया और इस दौरान कल्पना की कि मैच की परिस्थितियों में कुछ गेंदबाजों को कैसे खेलना है.
गुरुवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान 25 वर्षीय किशन को अपनी मेहनत का फल मिला. उन्होंने लेग स्पिनर तनवीर संघा को निशाना बनाते हुए उनकी 10 गेंद पर 30 रन बनाए.
किशन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'विश्व कप के दौरान जब मैं नहीं खेल रहा था तो मैंने हर अभ्यास सत्र से पहले खुद से पूछा कि अब मेरे लिए क्या महत्वपूर्ण है. मैं क्या कर सकता हूं. मैंने नेट पर बहुत अभ्यास किया. मैं कोच से लगातार खेल के बारे में बात कर रहा था, मैच को अंत तक कैसे ले जाएं, कुछ खास गेंदबाजों को कैसे निशाना बनाया जाए'.
उन्होंने कहा, 'लेग स्पिनर के खिलाफ बाएं हाथ का बल्लेबाज होने के नाते मैं अच्छी स्थिति में था. मुझे पता था कि विकेट कैसा है क्योंकि मैंने 20 ओवर तक विकेटकीपिंग की थी. जब आप 209 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो आपको एक गेंदबाज को निशाना बनाना होता है जिसके खिलाफ आप बड़े शॉट खेल सकते हैं. मेरी सूर्या भाई (कप्तान सूर्यकुमार यादव) से बात हुई थी कि मैं इस खिलाड़ी (संघा) के खिलाफ बड़े शॉट खेलूंगा, फिर वह चाहे जहां भी गेंदबाजी करे क्योंकि हमें रन और गेंद के बीच के अंतर को कम करना है'.
किशन ने कहा, 'आप पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए ज्यादा रन नहीं छोड़ सकते. उनके लिए सीधे आकर बड़े शॉट खेलना आसान नहीं होगा. मुझे जोखिम लेना था और मुझे खुद पर भरोसा था'.
किशन के 39 गेंद में 58 रन और सूर्यकुमार यादव के 42 गेंद में 80 रन की बदौलत भारत ने 209 रन के लक्ष्य को एक गेंद शेष रहते हासिल कर लिया और पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली.