लखनऊ: पिछली श्रृंखला में प्रवाहमय बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे युवा सलामी बल्लेबाज इशान किशन ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20 में फॉर्म में वापसी का श्रेय कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को दिया.
बायें हाथ का यह बल्लेबाज वेस्टइंडीज के खिलाफ अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाया था लेकिन श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने भारत की 62 रन से जीत में 56 गेंदों पर 89 रन की पारी खेली.
इशान ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "कोई भी सीनियर खिलाड़ी चाहता है कि एक युवा खिलाड़ी अच्छी मनोस्थिति में रहे. चाहे वह (कोच) राहुल (द्रविड़) भाई, विराट (कोहली) भाई या रोहित भाई हों, वे सभी इस दौर से गुजर चुके हैं. वे जानते हैं कि जब हम अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो हम कैसा महसूस करते हैं."
उन्होंने कहा, "मैं वेस्टइंडीज के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था. उन्होंने मुझसे कहा कि वे मेरी प्रतिभा और मैं टीम के लिये क्या कर सकता हूं, इस बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा था कि 'हमें आप पर भरोसा है. कभी यह मत सोचना कि हम आपकी क्षमता पर संदेह कर रहे हैं."
इशान ने कहा, "उन्होंने हमेशा हमारी छोटी-छोटी चीजों को लेकर मदद की चाहे वह आपकी बल्लेबाजी ग्रिप हो या आक्रामक मानसिकता."
ये भी पढ़ें-पहला टी20 मैच: बल्लेबाज ईशान किशन ने कहा, वेस्टइंडीज सीरीज से बहुत कुछ सीखने को मिला
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की हाल की नीलामी में मुंबई इंडियन्स ने इशान को 15.25 करोड़ रुपये की मोटी कीमत पर खरीदा था लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ वह तीन मैचों में 85.54 की स्ट्राइक रेट से 71 रन ही बना पाये थे. कप्तान रोहित ने हालांकि उन पर भरोसा बनाये रखा और उन्हें श्रीलंका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में उतारा.
इशान ने कहा, "इतनी अधिक क्रिकेट खेलने के बाद आप परिस्थितियों से वाकिफ हो जाते हैं. मुश्किल दौर भी आएगा लेकिन अच्छी मानसिक स्थिति में रहना महत्वपूर्ण है. जब आप बड़ा स्कोर बनाते हों तब बहुत अधिक उत्साहित होने की भी जरूरत नहीं है."
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने खुलासा किया कि किस तरह से रोहित ने नेट्स पर स्ट्राइक रोटेट करने और तेजी से रन चुराने की उनकी कमजोरियों को दूर किया.
उन्होंने कहा, "वह (रोहित) हमेशा कहते हैं कि जब आप क्रीज पर होते हैं तो प्रत्येक गेंद को हिट नहीं कर सकते. स्ट्राइक रोटेट करना और एक दो रन लेना महत्वपूर्ण होता है."
इशान ने कहा, "निश्चित तौर पर इन विभागों में उन्होंने मेरी मदद की विशेषकर तब जबकि हम नेट्स पर अभ्यास करते रहते हैं. वह मुझसे कहते रहे हैं कि कोशिश करो कि स्ट्राइक कैसे रोटेट की जा सके."