मुंबई : कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज रिंकू सिंह के 5 छक्के व उनकी बैटिंग की हर कोई तारीफ कर रहा है. गुजरात टाइटंस से जीत छीनने वाले इस बल्लेबाज ने आईपीएल में कई कीर्तिमान अपने नाम किए. इस दौरान लोग उनके बारे में अचानक से गूगल में सर्च करने लगे और वे ट्विटर पर भी ट्रेंड होने लगे.
निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले रिंकू सिंह ने सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी करने पर विचार करने के बाद अंतत: अपने जिले अलीगढ़ को छोड़कर उत्तर प्रदेश से राज्य की राजधानी लखनऊ का रुख किया और अपने क्रिकेट को करियर बनाने में जुट गए.
बीती रात कोलकाता के लिए सुपर संडे बनाने वाले रिंकू सिंह ने कोलकाता नाइट राइडर्स रिंकू सिंह को शुरुआती झटकों के बावजूद खेल को जारी रखा और अंत तक हार नहीं मानी. इसी कारण 25 वर्षीय बल्लेबाज रिंकू सिंह अंतिम ओवर में लगातार 5 गेंदों पर पांच छक्के लगाकर अपनी टीम के लिए एक असंभव लग रही जीत दिला दी.
अंतिम ओवर में पांच गेंद शेष रहने पर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत के लिए 28 रनों की आवश्यकता थी, रिंकू सिंह ने लगातार पांच छक्के लगाकर अपनी टीम के लिए एक यादगार जीत दर्ज करायी. उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उनके टीम के साथी वेंकटेश अय्यर को उन्हें 'लॉर्ड रिंकू' कहकर सम्मानित किया.
वेंकटेश अय्यर (83) और नीतीश राणा (45) के बाद केकेआर को जीत की राह पर ले जा रहे रिंकू सिंह दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरने से परेशान नहीं हुए और गुजरात टाइटंस के स्टैंड-इन कप्तान राशिद खान की हैट्रिक को भी बेकार साबित कर डाला. बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 21 गेंदों में नाबाद 48 रन बनाकर मैच को अपनी झोली में डाल दिया.
रिंकू के पिता खानचंद्र सिंह एक एलपीजी वितरण कंपनी में काम करते थे. अपने शुरुआती साल अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों के साथ अलीगढ़ स्टेडियम के पास दो कमरों के क्वार्टर में बिताया है और उत्तर प्रदेश की अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 टीमों के लिए खेलते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़े हैं.
25 वर्षीय रिंकू 2018-19 रणजी ट्रॉफी के ग्रुप चरणों में नौ मैचों में 803 रन बनाकर यूपी के लिए अग्रणी रन-स्कोरर रहे थे. उन्हें पहली बार आईपीएल 2017 के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया था और अगले वर्ष उनके लिए केकेआर से 80 लाख की बोली लगाकर अपने पाले में ले लिया.
हालांकि, वह तीन सत्रों में केवल 10 मैचों खेल सके. वह 2021 के आईपीएल में घुटने की चोट के कारण खेलने से चूक गए थे, लेकिन केकेआर द्वारा 2022 की नीलामी में एक बार फिर से उनको चुना गया और उन्होंने केकेआर के भरोसे को कायम रखा और अपने दम पर जीत दिला दी.
--आईएएनएस के इनपुट के साथ