हैदराबाद:भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई कीर्तिमान हैं, जो कुछ ही खिलाड़ी हासिल कर सके हैं. संयोग से इरफान पठान उनमें से एक हैं. बड़ौदा में जन्मे इरफान आज यानी 28 अक्टूबर को अपना 38वां जन्मदिन मना रहे है.
इरफान पठान के टैलेंट को पूरी दुनिया सलाम करती है. कहते हैं पूत के पांव पालने में. इरफान पठान जब पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 क्रिकेट खेल रहे थे, तभी सौरव गांगुली की नजर उनके खेल पर पड़ी. अब कहने की बात नहीं कि सौरव ने क्या किया होगा.
गांगुली उस समय टीम इंडिया के कप्तान हुआ करते थे. उन्होंने टीम के चयनकर्ताओं से बात की और कुछ ही दिन के भीतर पठान पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए. अंडर-19 टीम से टीम इंडिया के सदस्य बन गए.
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बता दें, इरफान पठान की एंट्री के बाद भारतीय टीम की वह कमी पूरी हो गई, जो कपिल देव के संन्यास के बाद पैदा हुई थी. एक ऐसा गेंदबाज, जो स्विंग और सीम बॉलिंग करता था और पहला ओवर डालने की काबिलियत रखता था. सोने पर सुहागा यह कि उससे किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी करवा लीजिए. हालांकि, उम्मीदों का दबाव कहिए या उनके बैटिंग क्रम से बार-बार छेड़छाड़, इरफान अपने टैलेंट के मुताबिक करियर लंबा नहीं खींच सके. लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि कपिल देव के बाद वे भारत के बेस्ट पेस ऑलराउंडर हैं.
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इरफान से जुड़ी कुछ यादें...
- इरफान ने साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में उसी की धरती पर पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी.
- टी-20 वर्ल्ड कप में इरफान पठान ने सिर्फ 16 रन देकर तीन विकेट झटके थे और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे.
- प्लेयर ऑफ द मैच भारत के सिर्फ तीन क्रिकेटर ही यह अवॉर्ड जीत सके हैं और इरफान उनमें से एक हैं.
- बाकी दो नाम मोहिंदर अमरनाथ और एमएस धोनी है.
- इरफान अपना कैरियर लंबा नहीं खींच सके, इसके दो मुख्य कारण माने जाते हैं.
- पहली उनकी चोट. जब उन्होंने चोट की रिकवरी के बाद टीम इंडिया में वापसी की तो उनके साथ वह रफ्तार नहीं थी, जो पहले हुआ करती थी.
- कम रफ्तार हो जाने से उनकी स्विंग भी उतनी मारक नहीं रही.
- दूसरा कारण, उनकी बल्लेबाजी क्रम से छेड़छाड़ थी.
- इरफान पठान ने 120 वनडे, 29 टेस्ट और 24 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.
- इनमें कुल 301 विकेट झटके और 2,821 रन बनाए.
- तेज गेंदबाजी करने वाले भारतीय क्रिकेटरों में सिर्फ कपिल देव का प्रदर्शन इनसे बेहतर है.