अहमदाबाद:नए कप्तान रोहित शर्मा की मौजूदगी में भारतीय टीम रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रही वनडे सीरीज के साथ नए युग में प्रवेश करेगी, जिसमें वह अपनी पुरानी मध्यक्रम की समस्या से निजात पाने की कोशिश करेगी. सीरीज का शुरुआती मैच भारत के लिए ऐतिहासिक 1000वां वनडे होगा. भारतीय टीम 2023 विश्व कप के लिए अपनी तैयारियां अभी से शुरू करना चाहेगी, जिसमें वह साल 2015 और 2019 में ट्राफी हासिल नहीं कर सकी थी और अब वह अपनी रणनीति में वास्तव में बदलाव करना चाहेगी.
कमजोर दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ उसकी सरजमीं पर हार झेलने के बाद भारतीय टीम अब नए वनडे कप्तान रोहित के साथ जीत की लय में आना चाहेगी, जिसमें उनके साथ कोच राहुल द्रविड़ भी शामिल हैं. रोहित और द्रविड़ की जोड़ी अगले कुछ महीनों में 50 ओवर प्रारूप के लिए भारतीय टीम की रणनीति तय करेगी. क्योंकि यह स्पष्ट हो गया है कि सुधार के लिए थोड़े फेरबदल की जरूरत है. इसलिए रविवार से शुरू हो रही सीरीज जूझ रहे मध्यक्रम को सही करने पर ध्यान लगाने के लिए बिल्कुल सही मंच होगी.
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पहले तो कप्तान रोहित को उदाहरण पेश करके अगुआई करनी होगी, जो सफेद गेंद के बेहतरीन बल्लेबाज हैं. पहले मैच में केएल राहुल की अनुपस्थिति और अन्य विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और रूतुराज गायकवाड़ के कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद रोहित के साथ ईशान किशन पारी का आगाज करेंगे, जिन्हें टीम में शामिल किया गया है. रोहित ने सीरीज के शुरुआती मैच की पूर्व संध्या पर कहा, हमारे पास ईशान किशन एकमात्र विकल्प हैं और वह मेरे साथ पारी का आगाज करेंगे.
उन्होंने कहा, मयंक (अग्रवाल) को टीम में शामिल किया गया था, पर वह अब भी पृथकवास में हैं. वह देर से टीम से जुड़े और हमारे कुछ नियम हैं. अगर कोई यात्रा करता है तो हम उसे तीन दिन के अनिवार्य पृथकवास में रखते हैं. उनका पृथकवास अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए ईशान पारी का आगाज करेंगे. अगर रोहित लय में हों तो किसी भी दिन किसी भी तरह के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं और वेस्टइंडीज का आक्रमण भी अपवाद नहीं होगा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में ऋषभ पंत की दूसरे मैच में पारी को छोड़ दें तो तीनों मुकाबलों में मध्यक्रम पूरी तरह से चरमरा गया और अब जरूरत है कि मध्यक्रम में प्रभावशाली खिलाड़ी मौजूद रहें.
सीरीज के लिए श्रेयस अय्यर उपलब्ध नहीं हैं तो आक्रामक सूर्यकुमार यादव और साथ ही दीपक हुड्डा के पास भी राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को लुभाने का मौका है. इन दोनों के अलावा काफी कुछ निर्भर करेगा कि विराट कोहली कैसा प्रदर्शन करते हैं. भारत ने दक्षिण अफ्रीका में मध्यक्रम में वेंकटेश अय्यर को आजमाया था, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं रहा. गेंदबाजी की बात की जाए तो बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव वनडे टीम में वापस आ चुके हैं और पूरी उम्मीद है कि वह अपने अनुभवी जोड़ीदार युजवेंद्र चहल के साथ अंतिम एकादश में शामिल होंगे.
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