नागपुर :भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लगता है कि विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम की पिच में कोई खराबी नहीं थी क्योंकि स्पिन की मददगार उपमहाद्वीपीय विकेटों पर सफलता हासिल करने के लिए योजना के अनुसार खेलना महत्वपूर्ण है.
शुरूआती टेस्ट के आरंभ होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में पिच को लेकर बहस शुरू हो गई थी कि मेजबान देश ने दौरा करने वाली टीम के बायें हाथ के बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए टर्निंग पिच तैयार की हैं.
लेकिन रोहित ने भारत की पहली पारी में 400 रन पर सिमटने से पहले 120 रन की शतकीय पारी खेली जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 177 रन पर सिमट गई थी. पहला टेस्ट तीसरे ही दिन पारी और 132 रन से जीतने के बाद रोहित ने कहा कि एक बल्लेबाज को इस तरह के पिचों पर रन बनाने के लिए कुछ ऐसे तरीके अपनाने की जरूरत होती है जो परंपरागत नहीं हों.
उन्होंने कहा, पिछले कुछ सालों में भारत में हम जिस तरह की पिचों पर खेल रहे हैं, आपको रन जुटाने के लिए कुछ ऐसे तरीके अपनाने की जरूरत होती है जो परंपरागत नहीं हो और थोड़ी योजना बनानी पड़ती है. रोहित ने कहा, मैं मुंबई में खेलते हुए बड़ा हुआ हूं जहां की पिच काफी टर्न लेती है. आपको थोड़ा अपरंपरागत भी होना पड़ता है, अपने पैरों का इस्तेमाल करो. कुछ अलग करके गेंदबाजों पर भी दबाव बनाने की जरूरत होती है. इस अलग चीज में वो सब करो जो आपको ठीक लगे जैसे पैर का इस्तेमाल करना, स्वीप शॉट, रिवर्स स्वीप शॉट लगाओ.
वह शतक जड़कर काफी खुश हैं क्योंकि वह पिछले कुछ समय में कुछ टेस्ट में नहीं खेल पाए थे. उन्होंने कहा, हां, पिछली काफी चीजों को देखते हुए यह विशेष शतक था. सीरीज की शुरूआत काफी अहम है कि हम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप तालिका में कहां पर हैं, तो अच्छी शुरूआत करना हमारे लिए महत्वपूर्ण था. स्पिन विभाग में रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने चमकदार प्रदर्शन किया लेकिन रोहित ने मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की शुरूआत करने वाली तेज गेंदबाजी जोड़ी को बेहतरीन शुरूआत कराने का श्रेय दिया.