दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

भारत के एक्स-फैक्टर पंत ने फिर से खुद का मूल्यांकन किया

ऋषभ पंत के कोच तारक सिन्हा ने कहा, "उन्होंने खुद को फिनिशर के रूप में सोचना शुरू कर दिया. हमने उनसे कहा कि आपको स्ट्रोक खेलने के लिए जाना होगा. वह सोचने लगे कि उन्हें फिनिशर बनना है और उन्होंने अपने खेल का बहुत अधिक विश्लेषण करना शुरू कर दिया. उनका स्ट्रोक सही नहीं था. वह ड्राइव नहीं खेल पा रहे थे और ना ही गेंद को जज कर पा रहे थे."

Rishabh Pant
Rishabh Pant

By

Published : Jan 12, 2021, 8:49 AM IST

सिडनी: सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में सोमवार को भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत द्वारा खेले गए 97 रनों की आक्रामक पारी ने भारत के लिए वह प्लेटफॉर्म तैयार किया, जिससे भारतीय टीम मैच को ड्रॉ कराने में सफल रही.

कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद पंत को हनुमा विहारी से पहले पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया और उन्होंने 118 गेंदों पर 97 रनों की आक्रामक पारी खेलकर भारतीय टीम को मैच में बनाए रखा.

कप्तान रहाणे ने बाद में कहा कि पंत को पहले भेजने का फैसला क्रीज पर बाएं और दाएं हाथ के संयोजन को लाने और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को भ्रमित करने के लिए किया गया था.

रहाणे ने कहा, "बाएं हाथ और दाएं हाथ का संयोजन हमारे लिए, विशेष रूप से आज बहुत महत्वपूर्ण था. उन्हें नंबर 5 पर भेजा गया था. उन्होंने जिस तरह से जवाबी आक्रामक बल्लेबाजी की, वह वास्तव में अच्छा था. जिस तरह से उन्होंने पारी को संभाला. हम जानते हैं कि वह किसी भी स्थिति में हमारे लिए मैच जीत सकते हैं."

2019 विश्व कप के बाद से पंत को महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने लग गया था, लेकिन पूर्व मुख्य चयनकर्ता और विकेटकीपर एमएसके प्रसाद पंत के आलोचक थे.

प्रसाद ने एक वेबसाइट से कहा, "देखो, जब लोग तुलना करना शुरू करते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से उस जाल में फंस जाते हैं. हर विकेटकीपर अलग होता है. उनके पास खेलने का अपना तरीका और शैली होनी चाहिए. पंत के साथ, उनका अपना तरीका होना चाहिए और खुद को अगला धोनी नहीं मानना चाहिए."

STATS ALERT: शतक से चूकने के बाद भी पंत ने की रिकॉर्ड्स की बारिश, ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर रचा इतिहास

पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा ने कहा, "उन्होंने खुद को फिनिशर के रूप में सोचना शुरू कर दिया. हमने उनसे कहा कि आपको स्ट्रोक खेलने के लिए जाना होगा. यह खुद का एक दबाव था. वह सोचने लगे कि उन्हें फिनिशर बनना है और उन्होंने अपने खेल का बहुत अधिक विश्लेषण करना शुरू कर दिया. उनका स्ट्रोक सही नहीं था. वह ड्राइव नहीं खेल पा रहे थे और ना ही गेंद को जज कर पा रहे थे."

सिन्हा का मानना है कि तीसरा टेस्ट पंत के लिए करो या मरो जैसा था, क्योंकि वह चोटिल भी थे. लेकिन उनकी इस पारी ने उन्हें फिर से एक लाइफलाइन दे दिया है.

रहाणे ने इस बात पर सहमति जताई कि टीम ने पंत ने समर्थन किया.

उन्होंने कहा, "श्रेय (जाता है) वास्तव में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए. कप्तान और टीम प्रबंधन के रूप में, आप रणनीति बना सकते हैं, लेकिन यह खिलाड़ी पर निर्भर है कि आप वहां जाएं और क्रियान्वित करें."

ABOUT THE AUTHOR

...view details