नई दिल्ली: कुलदीप ने एक साक्षात्कार में कहा, 'मेरे कोच ने करियर की शुरुआत से ही मुझे विकेटों के बीच गेंदबाजी करने और बल्लेबाज को छक्के मारने की चुनौती देने के लिए कहा था. इसलिए मेरे अंदर से शुरू से ही यह डर निकल गया था कि अगर मैं विकेटों के बीच गेंदबाजी करता हूं तो मेरी गेंदों पर बड़े-बड़े शॉट लगेंगे. अगर आप इस डर को पीछे छोड़कर केवल विकेट लेने की नहीं सोचते हैं तो आप अच्छे स्पिनर नहीं बन सकते हैं.'
24 वर्षीय गेंदबाज को हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज से आराम दिया गया था. हालांकि शनिवार से शुरू होने वाले पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए वह टीम का हिस्सा होंगे.
कुलदीप ने अपनी गेंदबाजी के रहस्य को लेकर कहा, "मैं नेट में गेंदबाजी का ज्यादा अभ्यास नहीं करता हूं. मैं भारतीय टीम के नेट में गेंदबाजी करता हूं, लेकिन उसके अलावा मैं अपने ड्रिल्स और सिंगल विकेट के साथ गेंदबाजी ही करता हूं. मैं मुश्किल से पांच ओवर भी नहीं करता और फिर नेट में केवल स्टंप पर गेंदबाजी करता हूं."कुलदीप ने भारत के लिए अब तक छह टेस्ट, 39 वनडे और 18 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 24, 77 और 35 विकेट चटकाए हैं. अपनी गेंदबाजी ड्रिल और तैयारी के बारे कुलदीप ने कहा, "मैं मैदान पर काफी सोचता हूं, जब मैं खेल नहीं रहा होता हूं तब भी जाहिर है कि मैं बल्लेबाज की ताकत और कमजोरी को पकड़ने के लिए वीडियो देखता हूं, लेकिन मैं यह नहीं सोचता कि अगर मैं वहां गेंद करूंगा तो शॉट लगेंगे."कुलदीप और युजवेंद्र चहल मौजूदा समय में ऐसे स्पिनर हैं, जो भारतीय टीम के स्पिन विभाग को संभाले हुए हैं. कुलदीप ने चहल के साथ अपनी साझेदारी को लेकर कहा, "जब आप लंबे समय तक एक साथ खेलते हैं तो आपको अपने पार्टनर से बहुत कुछ सीखने को मिलता है. मैंने भी उससे काफी कुछ सीखा है. जब भी हम साथ खेलते हैं तो अच्छा करने की कोशिश करते हैं."