हैदराबाद: भारत के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर सैयद किरमानी ने ऋषभ पंत को बल्लेबाज के तौर पर 'प्रतिभा का खजाना' करार दिया. उन्होंने साथ ही विकेटकीपर के तौर पर इस खिलाड़ी की तुलना 'पालने (झूले)' के बच्चे से की. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को सीरीज में जीत दिलाने में नायक रहे पंत की बल्लेबाजी की अकसर तारीफ होती है जबकि विकेट के पीछे के उनके प्रदर्शन की आलोचना होती है.
एक इवेंट के दौरान किरमानी ने अपने बयान में कहा, ''ऋषभ पंत प्रतिभा का एक खजाना हैं, वह नैसर्गिक तौर पर शॉट खेलने वाला बल्लेबाज है लेकिन विकेटकीपर के तौर पर उन्हें बहुत कुछ सीखना है. उन्हें यह भी सीखना होगा कि कब बड़ा शॉट लगाना है, जैसा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में किया था.''
23 वर्षीय पंत को विकेटकीपिंग के कुछ नुस्खे देते हुए, किरमानी ने कहा, ''पंत विकेटकीपिंग में बुनियादी सही तकनीक की जरूरत है, जो उनके पास नहीं है. एक कीपर की क्षमता का अंदाजा तभी लगाया जाता है, जब वह स्टंप्स के पास खड़ा होता है.''
1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे सैयद किरमानी ने आगे कहा, ''पंत दुनिया के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों के खिलाफ अच्छी विकेटकीपिंग कर सकते हैं क्योंकि आपके पास पर्याप्त समय है जहां आप स्विंग और गेंद का उछाल देखकर उस मुताबिक अनुमान लगा सकते हैं.''
भारत के लिए 1976 से 1986 के बीच 88 टेस्ट और 49 वनडे खेलने वाले किरमानी ने कहा कि बल्लेबाज के तौर पर पंत को परिस्थितियों के हिसाब से खेलना होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि वह इसे सीखेंगे क्योंकि अभी काफी युवा हैं.
उन्होंने कहा, ''ब्रिस्बेन में उन्होंने काफी संतुलित पारी खेली जिससे हम पहली बार वहां जीत सके. ऐसे कई मौके थे जब पंत भारत को जीत दिला सकते थे लेकिन उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया.''
किरमानी ने माना कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की शुरुआती पारी में भी पंत ने गलत समय अपना विकेट गंवा दिया. पंत ने इस पारी में 88 गेंद में 91 रन बनाए थे. इस मैच का इंग्लैंड ने 227 रन से अपने नाम किया.
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पूर्व दिग्गज ने कहा, ''चेन्नई में भी वही हुआ, जब कोई बल्लेबाज 80 रन के करीब पहुंचता है तो उसकी कोशिश शतक पूरा करने की होती है, इसके लिए आपको जोखिम लेने से बचना होता है. आप यह नहीं कह सकते कि शॉट खेलना आपका नैसर्गिक खेल है, आपको परिस्थितियों के मुताबिक खेलना होता है.''
ब्रिस्बेन में भारत को जीताने के बाद ऋषभ पंत हालांकि उन्होंने पंत के ऑस्ट्रेलिया दौरे की काफी प्रशंसा भी की. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत ने 97 रन बनाए थे और भारत मैच को ड्रॉ कराने में सफल रहा था, जबकि गाबा में खेले गए अंतिम टेस्ट में पंत ने 328 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 89 रन बनाकर भारत को एक यादगार जीत दिलाई थी.
किरमानी ने कहा, ''मुझे ऑस्ट्रेलिया में उनका खेल पसंद आया, वह संतुलित था. जहां रक्षात्मक खेल की जरूरत थी, वहां डिफेंसिव होकर खेले और जहां आक्रामक खेल की जरूरत थी वहां वह खुल कर खेले. उन्हें हर पारी को ऐसे ही खेलना होगा, जो अनुभव के साथ आएगा. वह युवा हैं और अभी सीख रहे हैं.''