नई दिल्ली: स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और भारतीय क्रिकेट ने खत्म हो रहे साल में अच्छी प्रगति की जबकि सौरभ गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में नई पारी की शुरुआत की. भारत ने साथ ही 2019 में डे-नाइट टेस्ट मैच भी खेला. वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत की हार दिल तोड़ने वाली रही जबकि महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य को लेकर संशय बरकरार है जो पिछले छह महीने से क्रिकेट से दूर हैं.
वर्ल्ड कप-2019
सेमीफाइनल में भारत को न्यूजीलैंड ने हराया जो पूरे देश के लिए दिल तोड़ने वाला रहा. हालांकि फाइनल में न्यूजीलैंड को निराशा हाथ लगी जब निर्धारित ओवर और फिर सुपर ओवर के बाद भी मैच टाई रहा और मेजबान इंग्लैंड को मैच में अधिक बाउंड्री लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया.
पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीती टेस्ट सीरीज
भारत की बात करें तो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में सात दशक में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने में सफल रही और साल भर टेस्ट में नंबर एक के ताज को बरकरार रखा.
गांगुली के रुप में बीसीसीआई को मिला नया अध्यक्ष, फिर हुआ पिंक बॉल टेस्ट
मुश्किल के समय में भारतीय क्रिकेट की बागडोर संभालने के लिए पहचाने जाने वाले पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली सर्वसम्मति से बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष बने जिससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के तीन साल के विवादास्पद कार्यकाल का अंत हुआ. गांगुली ने एक बार फिर आगे बढ़कर अगुआई करने की अपनी क्षमता दिखाई जब उन्होंने कोहली को बांग्लादेश के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट खेलने के लिए राजी किया जो इसके लिए पहले तैयार नहीं थे. मैच का स्तर उतना ऊंचा नहीं था लेकिन नए बोर्ड अध्यक्ष ये दिखाने में सफल रहे कि टेस्ट क्रिकेट में कैसे दर्शकों को वापस लाया जा सकता है.
विराट का टेस्ट सेंटर का सुझाव
गुलाबी गेंद से शतक बनाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बने कप्तान विराट कोहली का नजरिया हालांकि अलग था और उन्होंने दर्शकों को मैदान पर लाने के लिए स्थायी टेस्ट केंद्र बनाने का सुझाव दिया. मैदान पर कोहली लगातार आगे बढ़ते रहे. वो तीनों फॉर्मेट में 2455 रन बनाकर सबसे सफल बल्लेबाज रहे. उन्होंने अपने साथी रोहित शर्मा (2442) से 13 रन अधिक बनाए.