मुंबई: कोरोनावायरस ने सुरक्षा के नए नियमों को बढ़ावा दिया है और इसी क्रम में आईसीसी की क्रिकेट समिति ने इस महामारी के बाद खेल शुरू होने पर गेंद चमकाने के लिए सलाइवा के इस्तेमाल को बंद करने की सिफारिश की है ताकि संक्रमण को रोका जा सके.
दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस का मानना है कि इस बदलाव का आदि होना बेहद मुश्किल है. डु प्लेसिस का कहना है कि वह हर गेंद से पहले फिल्डिंग के लिए तैयार होने के लिए अपने हाथ पर थूंकते हैं.
ऐसा करने वाले सिर्फ डु प्लेसिस नहीं हैं.दुनिया का लगभग हर फील्डर ऐसा करता है ताकि गेंद उसके हाथों में आसानी से चिपक सके.
डु प्लेसिस ने एक स्पोटर्स चैनल के शो पर कहा, "मैं स्लिप पर जब खड़ा होता हूं तो कैच लेने के लिए तैयार होने से पहले मैं अपने हाथ पर थूंकता हूं. अगर आप रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी को देखेंगे तो वह हर गेंद से पहले अपने हाथ पर इसी तरह थूंकते थे."
ब्रेट ली ने भी कहा इसे लागू करना मुश्किल
ली ने इसी शो पर कहा, "जो काम आप आठ, नौ साल की उम्र से करते आ रहे हो, आप अपनी उंगलीयों पर सलाइवा लगाते हो और फिर उन्हीं उंगलियों को गेंद पर लगाते हो, इस आदत को रातोंरात बदलना काफी मुश्किल होगा. इसलिए मुझे लगता है कि आईसीसी की तरफ से कुछ रियायत होगी, जहां वो ऐसा करते देखने पर चेतावनी देंगे. यह अच्छी पहल है लेकिन इसे लागू करना काफी मुश्किल है क्योंकि क्रिकेटर यह काम पूरी जिंदगी से करते आ रहे हैं."