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उमेश और ईशांत ने डे-नाइट टेस्ट में अपनी सफलता का बताया राज - भारत

पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में भारतीय पेसर उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को अपनी आक्रामक गेंदबाजी से बड़ा स्कोर बनाने से रोका.

भारतीय टीम
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Published : Nov 26, 2019, 11:16 AM IST

कोलकाता: पिछले कुछ समय से शानदार लय में चल रहे भारतीय पेसर उमेश यादव ने कहा कि उन्होंने गेंद को पकड़ने के तरीके में बदलाव किया है जिससे उनकी गेंदबाजी में पैनापन आया और आउटस्विंग को बेहतर करने में मदद मिली. यादव ने भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ 81 रन देकर आठ विकेट चटकाए.

उमेश ने कहा,"मैंने गेंद पकड़ने के तरीके में बदलाव किया जिससे मुझे काफी मदद मिली. पहले मेरी ग्रिप अलग थी जिससे एक-दो गेंद स्विंग करती थी जबकि कुछ गेंद पैर की तरफ से निकल कर बाई के रूप में सीमा रेखा के पार चली जाती थी. उस तरीके में ग्रिप पर नियंत्रण करना मुश्किल था."

उमेश यादव और ईशांत शर्मा

उन्होंने कहा,"इसके बाद मैंने कोचों से बात की, कई बार हम आपस में भी बात करते हैं फिर मुझे लगा कि जब मैं गेंद को सही तरीके से पकड़ता हूं तो मेरे पास गेंद को नियंत्रित और स्विंग करने का अच्छा मौका होता है. ऐसे में मैं नियमित तौर पर आउटस्विंगर करने में सफल रहा और कुछ गेंद अंदर भी डाल सकता हूं."

बांग्लादेश के खिलाफ पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने कहा कि कलाई की पोजिशन में बदलाव करने से उन्हें कोण बनाने में मदद मिली जिससे खासकर बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए स्थिति मुश्किल हो गई.

उन्होंने कहा,"जब आप ज्यादा खेलते हैं तो आप खुद ही अपनी गेंदबाजी के बारे में जानते हैं. आप खुद सोचते हैं कि अपनी गेंदबाजी में क्या नया कर सकते हैं. मैं कलाई की पोजिशन के हिसाब से गेंदबाजी के दौरान कोण बनाने में सफल रहा. ऐसे में जब बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ मैं राउंड द विकेट गेंदबाजी कर रहा था तब उनके लिए काफी मुश्किल हो गया."

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अनुभवी भारतीय पेसर ने कहा,"इससे पहले मेरी गेंद पर बल्ले का किनारा नहीं लगता था. गेंद टप्पा खाकर बाहर निकल जाती थी. जब मैं विकेट के सामने गेंद करता हूं और और गेंद बाहर की तरफ निकलती है तो बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल होता है."

रेड और पिंक बॉल के अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,"पिंक बॉल रेड बॉल से पूरी तरह अलग है. रेड बॉल सुबह में स्विंग होती है लेकिन इसके साथ ऐसा नहीं होता. जब हमने बॉलिंग शुरू की तो पता चला कि ये ऐसी बॉल नहीं है जो स्विंग होगी. हमने आपस में बात करके बॉल को तेजी से टप्पा खिलाने पर ध्यान दिया जिसका फायदा मिला."

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