मुंबई:क्रिकेट के मैदान में 1980 और 90 के दशक में कभी बड़े शहरों के खिलाड़ियों का बोल-बाला रहता था लेकिन अब छोटे शहरों से आने वाले क्रिकेटरों की भी संख्या बढ़ रही है. ऐसे में भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग का मानना है कि इस खेल में अब नाम बनाना काफी मुश्किल हो गया है.
सहवाग ने कहा,"बड़ी संख्या में बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं और इसे पेशेवर करियर की तरह ले रहे हैं. ऐसे में इस खेल में नाम बनाना आसान नहीं है. इसके लिए आपका सिर्फ अच्छा होना काफी नहीं होगा. आपके पास कौशल होना चाहिए और इस कौशल को प्रदर्शन में बदलने की क्षमता होनी चाहिए."
इस धाकड़ बल्लेबाज ने कहा,"अगर किसी युवा को 10-12 वर्षों तक खेलना है और पैसे कमाने हैं तो बड़े टूर्नामेंटों में लगातार अपने कौशल को प्रदर्शन में बदलना होगा."
आपको बता दें सहवाग एक टेलीविजन चैनल के हवाले से बात कर रहे थे, जिसमें उभरते हुए युवा खिलाड़ियों पर एक शो शुरू किया गया है. इस शो में इन क्रिकेटरों के बढ़ते हुए कौशल को दिखाया गया है.
इस कार्यक्रम में जिन युवा खिलाड़ियों की यात्रा को दिखाया गया है उसमें शिवम दुबे (मुंबई के हरफनमौला), कमलेश नागरकोटी (राजस्थान के तेज गेंदबाज), इशान पोरेल (पश्चिम बंगाल के मध्यम तेज गेंदबाज), हरविक देसाई (गुजरात का विकेटकीपर-बल्लेबाज), अनमोलप्रीत सिंह (पंजाब के बल्लेबाज) और प्रभासिमरन सिंह (पंजाब के विकेटकीपर-बल्लेबाज) शामिल हैं.