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इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर शानदार और संतोषजनक रहा : इरफान पठान - द्रविड़

इरफान पठान ने कहा है कि, 'मुझे याद है कि मेरे पुराने साथी कहा करते थे कि मैंने अपने क्रिकेट काल में अच्छे दिनों की तुलना में खराब दिन अधिक देखे हैं. लेकिन मेरे लिए क्रिकेट सबसे ऊपर है और मैं आज जो कुछ भी हूं इस खेल की बदौलत हूं.'

irfan pathan
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Published : Jan 5, 2020, 4:53 PM IST

नई दिल्ली: एक दिन पहले क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान ने कहा है कि उनके लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर शानदार और संतोषप्रद रहा.

इरफान ने यह भी कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, उसका श्रेय क्रिकेट को देना चाहते हैं. साथ ही इरफान ने अपने दो पूर्व कप्तानों-सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के योगदान को भी याद किया और कहा कि गांगुली ने जहां उनके अंदर भरोसा जगाया वहीं द्रविड़ ने उन्हें अधिक से अधिक मौके दिए.

35 साल के पठान ने भारत के लिए सभी फारमेट्स में कुल 173 मैच खेले और 2821 रन बनाए. पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 मैच खेले हैं. इरफान ने 2004 में पाकिस्तान दौरे से सुर्खियां बटोरी थीं.

इरफान पठान

इरफान ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, "मेरे लिए यह यात्रा शानदार और संतोषप्रद रही है. आप हमेशा बेहतर करना चाहते हैं. आप हमेशा अधिक मौके चाहते हैं. आप हमेशा खेल के हर प्रारूप में देश के लिए कुछ करना चाहते हैं लेकिन आप हर बार सफल नहीं हो सकते."

मै जो कुछ भी हूं क्रिकेट की बदौलत हूं

इरफान ने कहा, "मुझे याद है कि मेरे पुराने साथी कहा करते थे कि मैंने अपने क्रिकेट काल में अच्छे दिनों की तुलना में खराब दिन अधिक देखे हैं. लेकिन मेरे लिए क्रिकेट सबसे ऊपर है और मैं आज जो कुछ भी हूं इस खेल की बदौलत हूं."

इरफान भारत की कई अहम जीतों का रहे है हिस्सा

इरफान भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप शामिल है. वह टेस्ट में भारत की तरफ से हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने थे, उन्होंने 2006 में कराची टेस्ट में पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी.

इरफान पठान पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लेने के बाद

अपने क्रिकेट करियर के सबसे महान पलों के बारे में बात करते हुए इरफान ने कहा, "इस तरह के कई पल हैं लेकिन टी20 विश्व कप जीतना और फाइनल में मैन ऑफ द मैच बनना मेरे लिए सबसे खास है. इसके अलावा दो ऐसे पल हैं, जो मेरे दिल के करीब हैं."

इरफान ने बीते साल अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था और इसके बाद वह कमेंटेटर बन गए. इरफान ने प्रथम श्रेणी में कुल 4559 रन बनाए और 384 विकेट लिए.

अपने दो पूर्व कप्तानों-गांगुली और द्रविड़ की देखरेख में सबसे अधिक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले इरफान इन दोनों को अलग तरीके से याद करते हैं.

गांगुली ने खुद पर भरोसा करना सिखाया

इरफान पठान और सौरव गांगुली
इरफान ने कहा, "इन दोनों के बीच तुलना अच्छा नहीं होगा. हर कोई जानता है कि जब गांगुली भारतीय टीम के कप्तान बने थे, तब हालात काफी कठिन थे, उन्होंने जिस तरह टीम को मैनेज किया वह शानदार है. गांगुली ने मुझे खुद पर भरोसा करना सिखाया

द्रविड़ भी कई मामलों में शानदार कप्तान

इरफान पठान के साथ राहुल द्रविड़ और धोनी

द्रविड़ भी कई मामलो में शानदार कप्तान थे. उन्होंने सीनियर्स और जूनियर्स को शानदार तरीके से मैनेज किया. युवाओं को वह अधिक मौका देते थे और मेरे साथ भी यही हुआ. उनकी कप्तानी में मुझे टॉप में बैटिंग का मौका मिला और फिर नई गेंद से गेंदबाजी करने का भी मौका मिला."

मुझे ओपनिंग कराने का आइडिया सचिन ने दिया

इरफान ने कहा कि सचिन तेंदुलकर ने ही यह आइडिया टीम प्रबंधन को दिया था कि मुझसे ओपनिंग कराई जानी चाहिए.

इरफान ने कहा, "यह सचिन के विचार थे. यह सिर्फ ग्रेग चैपल का विचार नहीं था. मैंने हमेश बल्लेबाजी का लुत्फ लिया है. मैं जूनियर स्तर पर भी टॉप आर्डर में बल्लेबाजी किया करता था. लोग कहते हैं कि बल्लेबाजी के कारण मेरी गेंदबाजी खराब हुई लेकिन ऐसा नहीं था. मैंने अचानक बल्लेबाजी नहीं शुरू की थी. यह मैं काफी पहले से करता आ रहा था."

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