कानुपर :भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की घोषणा को क्रिकेट जगत के एक अध्याय का पटाक्षेप बताते हुए चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे ने कहा है कि विलक्षण प्रतिभा के धनी महान क्रिकेटर में अभी काफी क्रिकेट बाकी है और उन्हे देश की खातिर कम से कम एक दिवसीय मैचों में खेलने के लिए अपने फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए.
विश्व कप के साथ एमएस धोनी कपिल ने रविवार को कहा कि धोनी भारतीय क्रिकेट के लिए नायाब तोहफा है. क्रिकेट के मैदान पर हर भारतीय उन्हें हमेशा खेलते रहने देखना चाहता है. हालांकि ये संभव नहीं है. हर क्रिकेटर को एक न एक दिन अपना बल्ला टांगना ही पड़ता है मगर मैं यकीन से कह सकता हूं कि धोनी में अभी काफी क्रिकेट बचा है. वो क्रिकेट के मैदान पर अभी भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं और उन्हे देश की खातिर कम से कम एक दिवसीय मैचों में खेलने का फैसला करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नि:संदेह क्रिकेट खेलने वाले देशों को धोनी के संन्यास से खुशी हो रही होगी. वो अच्छी तरह जानते है कि भारतीय टीम से सिर्फ एक जुझारू विकेटकीपर बल्लेबाज की विदाई नहीं हुई है बल्कि टीम में जोश भरने वाले और विरोधी बल्लेबाजों की नस पकड़ने की अछ्वुत कला के महारथी ने क्रिकेट को अलविदा कहा है जो विरोधी टीम को राहत पहुंचाने वाला है. कुलदीप के कोच ने कहा कि धोनी दशकों तक युवा खिलाड़ियों के प्रेरणाश्रोत बने रहेंगे. उन जैसा क्रिकेटर भारत के क्रिकेट इतिहास में अब तक पैदा नहीं हुआ है और भारतीय टीम को उनकी कमी लंबे समय तक खलेगी. वास्तव में भारतीय कप्तान विराट कोहली की कप्तानी की असली परीक्षा अब शुरू होगी जब उन्हें कई अहम मौकों पर उनकी कमी अखरेगी.
उन्होंने कहा कि मैदान पर शांत दिखने वाले धोनी की मौजूदगी में भारतीय टीम तनाव के समय पर भी निश्चिंत दिखाई देती थी वहीं विपक्षी टीम पर हमेशा खौफ का साया दिखता था कि कूल धोनी के मन में उन्हें लेकर कौन सी नयी रणनीति जन्म ले रही है. डीआरएस में लिये गए अधिकतर फैसले धोनी एंड कंपनी के पक्ष में जाते रहे है और उनकी इस अछ्वुत कला का अंपायरों ने भी लोहा माना है. कपिल ने कहा कि उनके शिष्य कुलदीप की गेंदबाजी को निखारने में धोनी का अहम योगदान है. विकेट के पीछे से उनके दिशा निदेर्शन में कुलदीप ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए हैं और ऐसा सिर्फ कुलदीप के साथ नहीं है बल्कि युजवेंद्र चहल और अन्य गेंदबाजों के लिए भी धोनी हमेशा मददगार की भूमिका में खड़े दिखाई दिए हैं.