नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट लाइट बंद करके दीया जलाने का सभी ने समर्थन किया.
पीएम ने हालांकि सिर्फ दीया, मोमबत्ती या टार्च जलाने की अपील की थी मगर लोगों ने इसके साथ पटाखे भी जलाए, जिसका कई लोगों ने भी विरोध किया.
सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर पटाखे जलाने वाली बात को गलत बताया. इसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के बाद इरफान पठान का नाम भी जुड़ा गया है. पठान ने पटाखों को लेकर एक ट्वीट किया, लेकिन यूजर्स उन्हें ही ट्रोल करने लगे.
पठान ने टिवटर पर लिखा, 'यह काफी अच्छा था जब तक लोगों ने पटाखे नहीं जलाए.'
यूजर्स ने हालांकि इसके बद उन्हें धर्म के नाम पर ट्रोल करना शुरू कर दिया. और कुछ लोगों ने उन पर भद्दे कमेंट किए.
इससे पहले, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने उन लोगों को कड़ी फटकार लगाई है, जो रविवार रात पटाखे फोड़ रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने लोगों से अपील की थी कि कोरोनावायरस के खिलाफ देश के लोग रविवार को रात नौ बजे घरों की लाइटें बंद कर दें और इसकी जगह नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीपक या रोशनी करने वाली कोई और चीज जलाएं.
रविवार को दीपक, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश जलाकर पूरे देश ने तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाई, लेकिन इस दौरान कई लोग पटाखे भी फोड़ते नजर आए.
गंभीर ने ऐसे लोगों को कड़ी फटकार लगाते हुए ट्विटर पर लिखा, " भारत, अंदर रहिए. हम अभी लड़ाई के बीच में हैं. यह पटाखे जलाने का मौका नहीं है.
आपको बता दे कि गंभीर ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार को फिर से 50 लाख रुपये की मदद की है.
गंभीर ने एक पत्र में लिखा, "दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा यह कहा गया है कि दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में मेडिकल से संबंधित चीजें खरीदनें के लिए फंड की जरूरत है. मैं दो सप्ताह पहले ही 50 लाख रुपये की मदद कर चुका हूं और अपने अपने सांसद निधि फंड से और 50 लाख रुपये की मदद करना चाहूंगा. मुझे उम्मीद है कि इस राशि का इस्तेमाल कोरोना की लड़ाई में मेडिकल सामान खरीदने के लिए की जाएगी.
उन्होंने कहा, " संकट की इस घड़ी में दिल्ली के नागरिकों की मदद करना हमारा सबसे बड़ा फर्ज है."