मुंबई: युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ का नाम जब भी आता है तो सबसे पहले यादों में 2002 में लॉर्डस मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल की एतिहासिक जीत आती है जो भारत ने 326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दर्ज की थी.
कैफ ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि युवराज के आउट होने के बाद उन्हें लगा था कि भारत मैच हार गया. भारत ने हालंकि इस मैच में इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था.
2002 नेटवेस्ट सीरीज जीतने के बाद युवराज, गांगुली और कैफ ट्रॉफी के साथ युवराज और कैफ ने इस मैच में मुश्किल समय में छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की थी. यह साझेदारी उस समय आई थी जब भारत ने अपने पांच विकेट 146 रनों पर ही खो दिए थे.
कैफ 87 रनों पर नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाने में सफल रहे थे.
युवराज सिंह 2002 नेटवेस्ट सीरीज फाइनल के दौरान कैफ ने युवराज के साथ इंस्टाग्राम लाइवचैट में कहा, "जब आप (युवराज) आउट हो गए थे, तब मुझे लगा कि मैच गया. मुझे नहीं लग रहा था कि हम मैच जीतेंगे. मैं सेट था और आप वहां थे तो मुझे लगा था कि अगर हम आखिर तक खेलेंगे दो मैच जीत जाएंगे, लेकिन आप आउट हो गए और भारत ने उम्मीदें खो दीं. मेरा दिल टूट गया था."
गौरतलब है कि 326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हु वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दी थी, लेकिन एशली जाइल्स ने सहवाग को आउट कर भारतीय टीम को पहला झटका दिया था. उसके बाद तो जैसे विकटों की झड़ी लग गई और भारतीय टीम के 146 पर पांच विकेट गिर गए. इसके बाद सबको ये लगने लगा की भारत ये मैच नहीं जीत सकता, लेकिन उस समय की युवा जोड़ी युवराज और कैफ ने शानदार 121 रन की साझेदार कर भारतीय टीम की जीत में अहम भुमिका निभाई.
2002 नेटवेस्ट सीरीज फाइनल जीतने के बाद के दृश्य भारत आखिरकार मैच जीता और कप्तान गांगुली ने लॉडर्स की बालकनी से टी-शर्ट उतार कर लहराई. गांगुली की इस बात को भी हमेशा याद किया जाता है.